Delhi Blast: कितना खतरनाक होता है अमोनियम नाइट्रेट? देखें एक्सप्लोसिव एक्सपर्ट कर्नल देवेश ने क्या बताया

Delhi Red Fort Blast: एक्सप्लोसिव एक्सपर्ट कर्नल देवेश ने बताया कि अमोनियम नाइट्रेट-फ्यूल ऑयल (ANFO) सैन्य-श्रेणी के समान खतरनाक होता है. उन्होंने कहा कि इसका उपयोग पहले भी भारत में हुए हमले में हो चुका है. जानिए उन्होंने और क्या क्या बताया.

Learn from explosive expert Colonel Devesh how dangerous ammonium nitrate is.
एक्सप्लोसिव एक्सपर्ट कर्नल देवेश से जाने अमोनियम नाइट्रेट कितना खतरनाक
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Delhi Red Fort Blast: दिल्ली में सोमवार को हुए ब्लास्ट में अमोनियम नाइट्रेट (Ammonium Nitrate) के इस्तेमाल की आशंका जताई जा रही है. अब इस में इंडिया टुडे ने एक्सप्लोसिव एक्सपर्ट कर्नल देवेश से बात की है. इस बातचीत में कर्नल देवेश ने बताया है कि अमोनियम नाइट्रेट क्या होता है, पहले कहां कहां इसका इस्तेमाल किया गया है और ये कितना खतरनाक होता है. कर्नल देवेश के अनुसार, भारत में पहले भी अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल आतंकी हमलों में किया जा चुका है. कर्नल देवेश के मुताबिक, साबरमती एक्सप्रेस ब्लास्ट और संसद हमले के दौरान भी अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल हुआ था. 

क्या है अमोनियम नाइट्रेट?

एक्सप्लोसिव एक्सपर्ट कर्नल देवेश ने बताया अमोनियम नाइट्रेट एक कमर्शियल श्रेणी का विस्फोटक है. ये अपनी प्रकृति के कारण बहुत अधिक नुकसान पहुंचा सकता है. अमोनियम नाइट्रेट-फ्यूल ऑयल (ANFO) को लगभग सैन्य विस्फोटकों के जितना ही खतरनाक माना जाता है. इसमें अमोनियम नाइट्रेट को कुछ अन्य सामग्रियों जैसे कि फ्यूल ऑयल, के साथ मिलाकर एक हाई एक्सप्लोसिव कॉम्बिनेशन बनाया जाता है. वैसे आमतौर पर इसका इस्तेमाल खनन और निर्माण कार्यों में ब्लास्टिंग के लिए किया जाता है. 

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यहां देखें कर्नल देवेश का पूरा वीडियो 

 

संसद हमले के बाद लगे थे कड़े प्रतिबंध

कर्नल देवेश ने कहा कि संसद हमले के बाद अमोनियम नाइट्रेट के इस्तेमाल,बिक्री और खरीद पर सरकार ने बैन लगा दिया था. इसके बाद से इसे इसे खरीदना बहुत मुश्किल हो गया था. अगर इसे लैब्स (Labs)  के लिए भी सिर्फ 500 ग्राम या 200 ग्राम खरीदना होता था तो इसके लिए भी यूनिवसिटीज के लेटर हेड पर स्पेशल परमिशन लेनी होती थी.

आतंकी संगठनों कैसे मिला जाता है?

अब सवाल उठता है कि इतने कड़े नियंत्रणों के बावजूद भी अमोनियम नाइट्रेट जैसी सामग्री आतंकी संगठनों को कैसे उपलब्ध हो जाती है? ताे इस पर कर्नल बताते हैं कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों, जैसे झारखंड और छत्तीसगढ़ में ये सामग्री पहले बहुत आसानी से उपलब्ध है. उन्होंने बताया कि यहां नक्सली समूह छोटी कंपनियों के ट्रक या ठेकेदारों को अगवा कर या उन्हें डरा धमकाकर विस्फोटक ले लेते हैं.

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