बीजेपी ने अमेठी में स्मृती ईरानी को फिर से उतारा, क्या राहुल गांधी से होगा महामुकाबला? 

News Tak Desk

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Smriti Irani flashes million-dollar smile in new pic from Amethi. (Photo: Smriti Irani/Instagram)
Smriti Irani flashes million-dollar smile in new pic from Amethi. (Photo: Smriti Irani/Instagram)
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Lok Sabha Election: भारतीय जनता पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची की घोषणा कर दी है. इसमें केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की फिर से अमेठी से उतारा है. यानी भाजपा ने साफ कर दिया है कि वह अमेठी को 'गांधी मुक्त' करने के अपने अभियान में स्मृति ईरानी पर फिर से भरोसा कर रही है. अमेठी को एक वक्त में गांधी परिवार का गढ़ समझा जाता था. पर स्मृति ईरानी ने 2019 के लोकसभा चुनावों में यहां से राहुल गांधी को हरा दिया. 

स्मृति ईरानी पहले से ही दोबारा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही थीं. उन्होंने हाल ही में अमेठी में अपने नए घर में गृह प्रवेश भी किया. पिछले दिनों गृह प्रवेश के उनके समारोह में दिग्गज बीजेपी नेता पहुंचे और यह मानकर चला जा रहा था कि स्मृति का यहां से टिकट फाइनल है. गृह प्रवेश एक तरह से स्मृति की तरफ से राहुल गांधी को खुली चुनौती के रूप में भी देखा गया. 

ऐसा तीसरी बार होगा जब स्मृति ईरानी अमेठी से चुनाव लड़ेंगी. 2014 में वह हार गईं थीं. पर 2019 में जब उन्होंने राहुल गांधी को हराया तो इसे लोकसभा चुनाव का सबसे बड़ा राजनीतिक उलटफेर माना गया था. 

राहुल गांधी की तरफ से भी अमेठी में उतरने के संकेत!

पिछले दिनों राहुल गांधी ने अपनी भारत जोड़ी न्याय यात्रा के तहत अमेठी की यात्रा की. इस सीट से उनके चाचा संजय गांधी, पिता राजीव गांधी, मां सोनिया गांधी और वह खुद सांसद रह चुके हैं. 2004 में राहुल गांधी ने अमेठी से राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी और जीत हासिल की थी. लगातार दो चुनाव राहुल गांधी ने बड़े अंतर से जीते लेकिन 2014 के लोकसभा चुनावों में अंतर काफी कम हो गया था. 

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राहुल गांधी की यात्रा जब अमेठी से गुजरी तो चर्चा शुरू हुई कि शायद गांधी परिवार अपने गढ़ को लेकर इस बार संजीदा है. वैसे अभी स्पष्टता होनी बाकी है कि राहुल गांधी यहां से उतरेंगे यहां नहीं. वहीं स्मृति ईरानी लगातार अमेठी में सक्रियता बनाई हुई हैं. रायबरेली सीट से इस बार सोनिया गांधी भी नहीं लड़ रही हैं. वह राज्यसभा से संसद में जा चुकी हैं. अब देखना यह होगा कि कांग्रेस इस सीट पर गांधी बनाम स्मृति की लड़ाई चाहती है या पार्टी की कोई अलग ही रणनीति है.

 

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