क्या CAA मुस्लिम विरोधी है? गृहमंत्री अमित शाह ने कानून के विरोधियों को दिया ये जवाब

अभिषेक

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Amit Shah on CAA: देश में नागरिकता संशोधन कानून यानी CAA लागू होने के बाद केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह का इंटरव्यू आया है. इस इंटरव्यू में वो CAA के फ़ायदों के साथ ही विपक्ष के आरोपों का भी जवाब देते नजर आए है. साथ ही उन्होंने एक प्रमुख बात ये कह दी हैं कि, CAA अब किसी भी कीमत भी वापस नहीं लिया जाएगा. गृहमंत्री की ये बात विपक्षी नेता ममता बनर्जी, स्टालिन और अरविन्द केजरीवाल जैसे नेताओं के आरोपों का पलटवार है. आइए आपको बताते हैं कहा-क्या कहा है गृहमंत्री ने. 

'धार्मिक प्रताड़ितों को नागरिकता देना हमारी नैतिक और संवैधानिक जिम्मेदारी'

CAA की अधिसूचना पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, 'जो लोग अखंड भारत का हिस्सा थे और जिन पर मुकदमा चलाया गया और अत्याचार किया गया, उन्हें भारत में शरण दी जानी चाहिए और यह हमारी नैतिक और संवैधानिक जिम्मेदारी है. जब विभाजन हुआ तो पाकिस्तान में 23 फीसदी हिंदू और सिख थे लेकिन अब उनमें से केवल 3.7 फीसदी ही बचे है. वे सब कहां चले गए? वे यहां नहीं लौटे, उनका धर्म परिवर्तन किया गया, उनका अपमान किया गया, दोयम दर्जे का दर्जा दिया गया. वे कहां जाएंगे? क्या संसद उनके बारे में नहीं सोचेगी? अगर मैं बांग्लादेश की बात करूं तो 1951 में वहां हिंदू आबादी 22 फीसदी थी, लेकिन आंकड़ों के मुताबिक 2011 में हिंदू आबादी घटकर 10 फीसदी रह गई है. वे कहां हैं?

'पत्थर की लकीर होती है पीएम मोदी की हर एक बात' 

विपक्ष के केंद्र की बीजेपी सरकार पर लगाए गए आरोपों कि, बीजेपी CAA के जरिए नया वोट बैंक बना रही है पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, 'विपक्ष के पास और कोई काम नहीं है. उनका इतिहास है वो जो बोलते है वो करते नहीं है. मोदी जी का ये इतिहास है कि, जो बीजेपी या पीएम मोदी ने कहा है वो पत्थर की लकीर है. मोदी जी की हर गारंटी पूरी होती है.'

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उन्होंने आगे कहा, विपक्ष के पास सरकार का विरोध करने के अलावा कोई काम नहीं है. विपक्ष ने तो यहां तक ​​कहा था कि, सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक में राजनीतिक लाभ था, तो क्या हमें आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई नहीं करनी चाहिए? उन्होंने यह भी कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाना भी हमारे राजनीतिक लाभ के लिए था. हम 1950 से कह रहे हैं कि, हम धारा 370 हटा देंगे.

'CAA को मुस्लिमों से अलग करके नहीं देख सकते'

अंतरराष्ट्रीय मीडिया के CAA को 'मुस्लिम विरोधी' कानून बताए जाने पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा की, 'आप इस कानून को अलग करके नहीं देख सकते. 1947 में धर्म के आधार पर देश का बंटवारा हुआ था. उस वक्त कांग्रेस नेताओं ने कहा था कि, पलायन करने वाले लोग कभी भी वापस आ सकते थे. लेकिन तुष्टिकरण की राजनीति के कारण कांग्रेस ने कभी अपना वादा पूरा नहीं किया.'

भ्रष्टाचार की पोल खुलने पर आपा खो दिया है दिल्ली सीएम ने

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस बयान कि, शरणार्थियों को नागरिकता देने से चोरी और बलात्कार बढ़ेंगे पर अमित शाह ने कहा, 'भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री ने अपना धैर्य खो दिया है. उन्हें नहीं पता कि ये सभी लोग पहले से ही भारत में आकर रह रहे हैं. अगर उन्हें इतनी ही चिंता है तो वे बांग्लादेशी घुसपैठियों की बात क्यों नहीं करते या रोहिंग्याओं का विरोध क्यों नहीं करते? वह वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं. अमित शाह ने कहा, उन्हें शरणार्थी परिवारों से मिलना चाहिए.' 

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'मुस्लिमों को भी है नागरिकता का अधिकार'

CAA की अधिसूचना और उसके प्रावधानों पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, 'मुसलमानों को भी नागरिकता के लिए आवेदन करने का अधिकार है. इस कानून के आने से किसी के लिए भी दरवाजे बंद नहीं किए गए हैं.' उन्होंने बताया यह विशेष एक्ट इसलिए बनाया गया है क्योंकि बहुत से लोग बिना किसी दस्तावेज के भारत आए है. हम उन लोगों के  लिए नागरिकता का रास्ता खोलने के लिए ये कानून लाए है. उन्होंने बताया कोई भी नागरिकता के लिए आवेदन कर सकता है. भारत सरकार आपको उपलब्ध समय के अनुसार साक्षात्कार के लिए बुलाएगी जिसके बाद नागरिकता मिल सकेगी. 

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