कौन हैं डीएम हर्षिता माथुर जिन्हें राहुल गांधी ने रायबरेली में सौंपा अपना नामांकन, जानिए इनकी कहानी
एमपी के भोपाल की रहने वाली हर्षिता माथुर ने 2013 में यूपीएससी क्वालिफाई किया था. आईएएस एकेडमी मसूरी में ट्रेनिंग के बाद नवंबर 2015 से यूपी कैडर में पोस्टिंग शुरू हुई. पहली पोस्टिंग ज्वाइंट मजिस्ट्रेट मुरादाबाद हुई
ADVERTISEMENT

Rahul Gandhi: 2019 की तरह राहुल गांधी 2024 में भी दो सीटों से लोकसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं. एक सीट केरल की वायनाड और दूसरी सीट यूपी की रायबरेली से. दोनों सीटों में कॉमन ये है कि राहुल गांधी का सामना हुआ मैडम सर से. वायनाड में राहुल गांधी नामांकन भरने के लिए खड़े हुए महिला आईएएस अफसर और डीएम रेणु राज के सामने. रायबरेली में भी राहुल गांधी ने नामांकन भरा महिला आईएएस और डीएम हर्षिता माथुर के सामने.
वायनाड में नामांकन के समय राहुल गांधी के साथ थीं बहन प्रियंका गांधी. रायबरेली में राहुल गांधी के नामांकन के लिए रायबरेली की पूर्व सांसद सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, प्रियंका गांधी, रॉबर्ट वाड्रा भी मौजूद थे. देश के टॉप नेता खड़े थे और रायबरेली की डीएम हर्षिता माथुर प्रोटोकॉल के हिसाब से अपनी सीट पर बैठी रहीं.
चुनाव आयोग का सिस्टम ही यही है. चाहे नामांकन भरने प्रधानमंत्री आएं या कोई और नेता, नामांकन की औपचारिकता खड़े होकर पूरी करनी होती है. उम्र, तजुर्बे या पद से कोई फर्क नहीं पडता. उस दौरान डीएम या कलेक्टर जो कि रिटर्निंग ऑफिसर होता है, अपनी सीट पर बैठकर ही पेपर चेक करता है. उम्मीदवार की शपथ कराता है. प्रोटोकॉल के मुताबिक हर्षिता माथुर बैठी रहीं. राहुल, सोनिया, खरगे खड़े रहे.
यह भी पढ़ें...
राहुल के नामांकन के दौरान सोनिया गांधी का वीडियो वायरल
डीएम हर्षिता माथुर के चैंबर में राहुल गांधी ने नामांकन भरा था. उसी चैंबर से एक और वीडियो वायरल हुआ सोनिया गांधी का. राहुल के नामांकन के लिए 5 लोगों को चैंबर में जाने की इजाजत थी. सबसे पहले सोनिया गांधी अकेली चैंबर में पहुंच गईं. खरगे धीरे-धीरे चलते हैं इसलिए पहुंचने में समय लगा. चैंबर में पहुंचकर सोनिया गांधी ने रायबरेली डीएम हर्षिता माथुर का अभिभावन किया और खरगे के इंतजार में चहलकदमी करती रहीं. कुर्सियां होने के बाद भी सोनिया तब तक नहीं बैठीं जब तक खरगे पहुंच नहीं गए. राहुल गांधी आए. नामांकन का फोल्डर डीएम को दिया. डीएम हर्षिता ने पेपर देखने के बाद दो-दो बार फोटो क्लिक कराने का मौका दिया राहुल गांधी को. एक बार अकेले. दूसरी बार परिवारवालों के साथ.
लगभग ऐसा ही सीन तब भी हुआ था जब वायनाड से राहुल गांधी ने नामांकन भरा था. आईएएस रेणु राज के चैंबर में भी राहुल ने खड़े होकर नामांकन की औपचारिकता पूरी की और खड़े होकर सही जानकारी देने की शपथ ली थी. रिटर्निंग अफसर को ही चुनाव आयोग की तरफ से नामांकन की जानकारी सही होने की पुष्टि करके नामांकन मंजूर करना होता है.
राहुल गांधी की नामांकन के साथ आईएएस हर्षिता माथुर की तस्वीरें वायरल हैं. हर्षिता माथुर की गिनती यूपी की तेज-तर्रार काबिल आईएएस अफसरों में होती हैं. रायबरेली में डीएम नियुक्त होने से पहले हर्षिता सीएम योगी के गढ़ गोरखपुर में पोस्टेड रहीं. उन्होंने वहां गोरखपुर इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी की सीईओ और मुख्य विकास अधिकारी की दो-दो जिम्मेदारियां संभाली. सितंबर 2023 से हर्षिता माथुर रायबरेली की डीएम हैं.
कौन हैं हर्षिता माथुर?
एमपी के भोपाल की रहने वाली हर्षिता माथुर ने 2013 में यूपीएससी क्वालिफाई किया था. आईएएस एकेडमी मसूरी में ट्रेनिंग के बाद नवंबर 2015 से यूपी कैडर में पोस्टिंग शुरू हुई. पहली पोस्टिंग ज्वाइंट मजिस्ट्रेट मुरादाबाद हुई. तब से इलाहाबाद, मेरठ, बस्ती, गोरखपुर, बुलंदशहर, खुर्जा में कभी मुख्य विकास अधिकारी, कभी विकास प्राधिकरण में पोस्टिंग रहीं. डीएम बनने का पहला मौका कासगंज जिले में मिला. कासगंज से ही हर्षिता माथुर रायबरेली में डीएम बनकर आईं.
हर्षिता माथुर ने लव मैरिज की आईएएस अफसर अनुज सिंह से. दोनों पति-पत्नी यूपी के अलग-अलग जिलों के डीएम हैं. बिहार के रहने वाले अनुज सिंह इस समय सीतापुर के डीएम हैं. आईएएस की ट्रेनिंग के दौरान ही हर्षिता और अनुज सिंह एक-दूसरे के करीब आए. परिवार की सहमति से 2017 में शादी कर ली. हर्षिता जब गोरखपुर की मुख्य विकास अधिकारी थीं तब अनुज सिंह गोरखपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष हुआ करते थे.
करियर की शुरूआत में ही हर्षिता माथुर विवादों में भी घिरीं और इमेज भी दबंग आईएएस की बनी. इलाहाबाद में पोस्टिंग के दौरान एक नेता ने ज्ञापन सौंपते समय फोटो क्लिक कर ली तो नाराज होकर उन्होंने नेताजी को लॉकअप में डलवा दिया. हालांकि गोरखपुर में पोस्टिंग के दौरान कोरोना के वक्त उन्होंने इतनी मेहनत की कि उन्हें कोरोना योद्धा कहा गया.