क्या होता है राष्ट्रीय शोक? किनके लिए होता है घोषित और कितने दिन की होती है इसमें छुट्टी...

शुभम गुप्ता

राष्ट्रीय शोक के दौरान अनिवार्य छुट्टी का प्रावधान समाप्त कर दिया गया है. हालांकि, अगर कोई राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए निधन हो जाए, तो विशेष छुट्टी दी जा सकती है.

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National mourning: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के बाद केंद्र सरकार ने सात दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है. 92 वर्ष की आयु में दिल्ली के एम्स में उन्होंने गुरुवार रात अंतिम सांस ली. यूपी सरकार ने भी उनके सम्मान में सात दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की है. आइए जानते हैं, राष्ट्रीय और राजकीय शोक से जुड़े प्रोटोकॉल और परंपराएं.  

क्या है राष्ट्रीय शोक और कब होता है?

राष्ट्रीय शोक की घोषणा तब की जाती है जब देश की किसी प्रमुख हस्ती का निधन होता है, जिन्होंने राष्ट्रीय हितों में बड़ा योगदान दिया हो. केंद्र सरकार के अनुसार, यह शोक प्रमुख नेताओं, कलाकारों और देशहित में कार्यरत अन्य व्यक्तित्वों के लिए घोषित किया जाता है. अब राज्यों को भी राजकीय शोक घोषित करने का अधिकार है.  

आधिकारिक प्रोटोकॉल के अनुसार, वर्तमान या पूर्व राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के निधन पर सात दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया जाता है. इसके दौरान सरकारी कार्यालयों, संसद, और विधानसभाओं में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहता है.  

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तिरंगे में लिपटा ताबूत और राजकीय सम्मान 

डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा. ताबूत को तिरंगे में लपेटा जाता है और बंदूकों की सलामी दी जाती है. यह सम्मान केंद्र और राज्य सरकारों के निर्णय पर निर्भर करता है.  

इतिहास में महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी जैसे नेताओं के निधन पर भी राजकीय सम्मान और राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया था.  

शोक के दौरान सरकारी प्रक्रियाएं और छुट्टी

राष्ट्रीय शोक के दौरान अनिवार्य छुट्टी का प्रावधान समाप्त कर दिया गया है. हालांकि, अगर कोई राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए निधन हो जाए, तो विशेष छुट्टी दी जा सकती है.  

सरकार इस दौरान कोई औपचारिक या मनोरंजन कार्यक्रम आयोजित नहीं करती. सरकारी समारोह और सार्वजनिक आयोजन भी रद्द कर दिए जाते हैं. डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के बाद केंद्र ने अपने सभी सरकारी कार्यक्रम स्थगित कर दिए हैं.  

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डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार  

डॉ. मनमोहन सिंह ने भारत की अर्थव्यवस्था और राजनीति में अहम योगदान दिया. उनकी देखरेख में देश में बड़े आर्थिक सुधार हुए. दो कार्यकाल तक प्रधानमंत्री रहने वाले डॉ. सिंह का अंतिम संस्कार 28 दिसंबर को पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा.  

गृह मंत्रालय के आदेशानुसार, 26 दिसंबर से 1 जनवरी तक राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है. इस दौरान केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि दी जाएगी.  

डॉ. मनमोहन सिंह का योगदान हमेशा याद किया जाएगा. उनका सम्मान, सादगी और नेतृत्व देशवासियों के लिए प्रेरणादायक रहेगा.

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