तेजस्वी ने की थी पूरी तैयारी तो बिहार में नीतीश कुमार सरकार कैसे बच गई? एक रात में हुआ ये सब
राजद ने प्लान बनाया था कि, सत्तापक्ष के विधायकों को सदन में अनुपस्थित कर पहले स्पीकर अवध बिहारी चौधरी की कुर्सी बचाई जाएगी. फिर सदन में स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव गिरते ही खेल करेंगे.
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Floor Test in Bihar: बिहार में महागठबंधन का साथ छोड़ एनडीए के साथ जाने वाले नीतीश कुमार ने विश्वास मत की चुनौती को पार पा लिया है. बिहार विधानसभा में सोमवार यानी 12 जनवरी को बहुमत परीक्षण का दिन तय किया गया था. नीतीश सरकार के फ्लोर टेस्ट से पहले प्रदेश में कई कायसबाजियां चल रही थीं. एक तरफ सत्ता पक्ष अपने विधायकों को अपने साथ बनाए रखने में प्रयासरत था, उधर दूसरी तरफ तेजस्वी यादव अपने गुट के साथ-साथ NDA गुट के विधायकों को भी साधने में जुटे हुए थे. विपक्ष की कोशिश यह थी कि फ्लोर टेस्ट में नीतीश पास न हो पाएं पर ऐसा हुआ नहीं. नीतीश सरकार के पक्ष में 129 विधायकों के वोट मिले, वहीं विपक्ष ने वॉक आउट कर दिया. आइए आपको बताते हैं कि तेजस्वी यादव की फुल प्रूफ प्लानिंग के बावजूद भी NDA ने कैसे बचाई अपनी सरकार.
#WATCH 129 विधायकों के प्रस्ताव के समर्थन के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने फ्लोर टेस्ट जीत लिया।
विपक्ष ने राज्य विधानसभा से वॉकआउट किया। pic.twitter.com/2fg7UxJ5rH
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 12, 2024
पहले जानिए तेजस्वी का क्या था प्लान?
पूर्व डिप्टी सीएम और जनता दल यूनाइटेड के नेता तेजस्वी यादव सत्तापक्ष के आठ विधायकों को साधते हुए बहुमत परीक्षण में खेल करने के फिराक में थे. इन आठ विधायकों में नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड के पांच विधायक- बीमा भारती, मनोज यादव, सुदर्शन, डॉ संजीव, दिलीप राय, तो वहीं बीजेपी के तीन विधायक रश्मि वर्मा, भागीरथी देवी और मिश्रीलाल यादव शामिल थे. राजद ने प्लान बनाया था कि सत्तापक्ष के विधायकों को सदन में अनुपस्थित कर पहले अपने स्पीकर अवध बिहारी चौधरी की कुर्सी बचाई जाएगी. फिर अगर स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव सदन में गिरता है, तो उसके बाद सत्तापक्ष के विधायकों को सदन में अलग गुट की मान्यता स्पीकर से दिलवा कर NDA सरकार को फ्लोर टेस्ट में असफल कर दिया जाता.
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NDA ने ऐसे किया अपना बचाव
NDA की बिहार सरकार को तेजस्वी यादव के खेल की जानकारी रविवार की रात को हुई. तब NDA ने अपनी सरकार बचाने का ऑपरेशन शुरू किया. जेडीयू के विधायक डॉ संजीव, सुदर्शन और मनोज यादव को सुबह तक ढूंढ निकाला गया. सदन की शुरुआत होने के बाद जब स्पीकर अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ सदन में अविश्वास प्रस्ताव आया, तो सदन में सत्तापक्ष के 5 विधायक कम थे लेकिन NDA ने आरजेडी के 3 विधायकों को अपने पाले में कर लिया और वोटिंग में 112 के मुकाबले 125 वोट से अवध बिहारी चौधरी को अपदस्थ कर दिया.
स्पीकर की कुर्सी जाते ही आरजेडी का पूरा खेल बिगड़ गया. ऐसा होने के बाद सदन से नदारद सत्तापक्ष के पांच में से चार विधायक बीजेपी के रश्मि वर्मा, भागीरथी देवी और मिश्रीलाल यादव और जेडीयू की बीमा भारती सदन में पहुंच गए. बहुमत परीक्षण के समय केवल एक जेडीयू विधायक दिलीप राय सदन से गैर मौजूद रहे. फिर फ्लोर टेस्ट हुआ और सरकार को कुल 129 वोट मिले, जिसमें आरजेडी के भी तीन विधायकों ने NDA के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की. विपक्ष ने फ्लोर टेस्ट की वोटिंग से वॉक आउट कर दिया.
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