वक्फ संशोधन बिल राज्यसभा में पारित, कानून बनने के बाद होंगे ये 4 बड़े बदलाव
Waqf Bill Passed: करीब 12 घंटे से अधिक चर्चा और जोरदार बहस के बाद आखिरकार राज्यसभा में देर रात वक्फ संशोधन बिल पास हो गया. इस बिल के सपोर्ट में 128 वोट और विरोध में 95 वोट पड़े. इससे पहले वक्फ संशोधन बिल लोकसभा में पास हो चुका है.
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Waqf Bill Passed: करीब 12 घंटे से अधिक चर्चा और जोरदार बहस के बाद आखिरकार राज्यसभा में देर रात वक्फ संशोधन बिल पास हो गया. इस बिल के सपोर्ट में 128 वोट और विरोध में 95 वोट पड़े. इससे पहले वक्फ संशोधन बिल लोकसभा में पास हो चुका है. जहां पक्ष में 288 और विरोध में 232 वोट पड़े थे. अब राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह विधेयक कानून का रूप ले लेगा.
सरकार ने कैसे पार की बाधाएं?
इस बिल को पास करवाना सरकार के लिए आसान नहीं था. बीजेपी के पास लोकसभा में अकेले बहुमत नहीं है, ऐसे में एनडीए सहयोगियों का साथ जरूरी था. खास तौर पर जेडीयू और टीडीपी की भूमिका अहम थी, क्योंकि दोनों ही पार्टियां मुस्लिम समुदाय के हितों को ध्यान में रखने वाली मानी जाती हैं. फिर भी, सरकार ने इन सहयोगियों को अपने साथ मजबूती से जोड़े रखा. नतीजा यह हुआ कि पहले लोकसभा और अब राज्यसभा में बिल को आसानी से मंजूरी मिल गई.
इसके अलावा, बीजेडी ने अपने सांसदों को 'अंतरात्मा की आवाज' सुनने की सलाह दी, जिससे कुछ क्रॉस वोटिंग की संभावना बनी. वहीं, जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआरसीपी ने भी कोई व्हिप जारी नहीं किया, जिससे उनके सांसदों की आजादी ने सरकार के पक्ष में माहौल बनाया. इन समीकरणों ने दोनों सदनों में बीजेपी की राह को आसान कर दिया.
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विपक्ष के संशोधन हुए खारिज
बिल पर चर्चा के दौरान विपक्ष ने कई संशोधन पेश किए, जिन पर अलग-अलग वोटिंग भी हुई. लेकिन पर्याप्त समर्थन न मिलने के कारण सभी संशोधन खारिज हो गए. विपक्ष ने आरोप लगाया कि यह बिल मुस्लिम समुदाय के अधिकारों को कमजोर करेगा और सरकार इससे जनता का ध्यान भटकाना चाहती है. जवाब में सरकार ने कहा कि यह कदम पारदर्शिता बढ़ाने और सभी के साथ न्याय सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है.
रिजिजू ने रखा सरकार का पक्ष
बिल को पेश करते हुए केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, "वक्फ बिल पर 1 करोड़ से ज्यादा सुझाव आए. संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) ने हर पहलू पर विस्तार से चर्चा की. अगर वक्फ संपत्तियों का सही इस्तेमाल हुआ होता, तो देश की तस्वीर बदल गई होती." उन्होंने बताया कि देश में 8.72 लाख वक्फ संपत्तियां हैं और 2006 में सच्चर समिति ने 4.9 लाख संपत्तियों से 12 हजार करोड़ रुपये की आय का अनुमान लगाया था. रिजिजू ने जोर देकर कहा कि बीजेपी वही कर रही है, जो कांग्रेस दशकों तक नहीं कर पाई.
वक्फ बिल क्या है और क्यों जरूरी?
वक्फ (संशोधन) बिल 2024, 1995 के वक्फ अधिनियम में बदलाव लाने वाला विधेयक है. इसका मकसद वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता लाना, दुरुपयोग रोकना और नियमों को सख्त करना है. सरकार का कहना है कि इससे संपत्तियों का बेहतर इस्तेमाल हो सकेगा और आम लोगों को फायदा पहुंचेगा.
बिल से क्या बदलाव आएंगे?
- वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम और महिला सदस्यों को शामिल किया जाएगा.
- कलेक्टर को वक्फ संपत्तियों के सर्वे का अधिकार मिलेगा.
- वक्फ ट्रिब्यूनल के फैसलों को हाईकोर्ट में चुनौती दी जा सकेगी.
- अब कोई भी संपत्ति जबरन 'वक्फ संपत्ति' घोषित नहीं की जा सकेगी.
वक्फ कानून का इतिहास
भारत में वक्फ कानून 1954 में जवाहरलाल नेहरू सरकार ने बनाया था. इसके बाद 1995 में इसमें संशोधन हुआ, जिसके तहत हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में वक्फ बोर्ड बनाने की व्यवस्था की गई. यह कानून संपत्ति के दावे, रखरखाव और प्रबंधन से जुड़े नियम तय करता है.