बस से कूदा महिपाल, मांगता रहा मदद...लोग बनाते रहे वीडियो, जैसलमेर बार्निंग बस हादसे की रूह कंपा देने वाली कहानी
राजस्थान के जैसलमेर के दर्दनाक बस हादसे में मृतकों की संख्या 24 पहुंच गई है. एयरफोर्स परीक्षा देकर लौट रहे रामदेवरा निवासी महिपाल सिंह और मनोज भाटिया ने महात्मा गांधी अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया है.

राजस्थान के जैसलमेर बार्निंग बस हादसे में बीते कल दो और मौत हो गई. इसके बाद हादसे में मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 24 हो गया. इस हादसे में झूलसे रामदेवरा निवासी 19 वर्ष के महिपाल सिंह और जैसलमेर निवासी मनोज भाटिया ने भी दम तोड़ दिया ने. दोनों महात्मा गांधी अस्पताल में वेंटिलेटर थे. दोनों मृतको का शव परिजनों को सौंप कर दिया गया है. बता दें कि महिपाल जैसलमेर में एयरफोर्स का एक्जाम देने के बाद वापस रामदेवरा लौट रहा था. वहीं, मनोज भाटिया पोकरण जा रहे थे.
गौरतलब है कि 14 अक्टूबर को हुए इस हादसे में महिपाल 35 से 40 फीसदी ही झुलसे थे. उनके लंग्स में जहरीला धुंआ भर गया था. वे महात्मा गांधी अस्पताल में वेटिलेर में चल रहा था. डॉक्टर के तमाम प्रयास के बावजूद महिपाल की मृत्यु हो गई. अभी अस्पताल में चार अन्य मरीज जो 50 फीसदी से ज्यादा जले हुए हैं और वेंटिलेटर में रखे गए थे. मौत के बाद जिला प्रशासन ने महिपाल सिंह का शव उनके परिजनों को सौंप कर दिया है.
परीक्षा देने गया था जैसलमेर
बता दें कि सेकेंड ईयर का स्टूडेंट महिपाल सिंह (17) एयरफोर्स भर्ती की परीक्षा देने जैसलमेर गया था. 13 अक्टूबर को उसके पिता नगसिंह ने उसे सेंटर पर ड्रॉप किया था और अगले दिन आने का कहा था. वह अपने रिश्तेदार के वहां रुक गया था. उसने 14 अक्टूबर बस में बैठकर घरवालों को कॉल करके कहा था कि- 'मुझे लेने मत आना. मैं बस में बैठ गया हूं.' इसके कुछ ही देर बाद बस में आग लग गई थी महिपाल इसकी चपेट में आ गया.
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मौत से पहले की बताई घटना
महिपाल के चाचा विनोद सिंह ने बताया था कि महिपाल 35% झुलस गया था. डॉक्टर्स ने हालत क्रिटिकल बताई थी. सांस की नली में धुआं जाने से बोल नहीं पा रहा था. इशारे में ही बात कर रहा था. थोड़ा बहुत उसने बताया कि उसकी सीट बस के बिल्कुल बीचों बीच थी. वो सीट पर बैठकर मोबाइल देख रहा था. कंडक्टर सबसे पिछली सीट पर बैठकर टिकट बना रहा था. अचानक धुआं भरने लगा था. कुछ ही सेकेंड में पूरी बस में धुआं फैल गया था.जैसे-तैसे वह कांच तोड़कर बस से बाहर कूदा था. महिपाल भी कंडक्टर के पीछे-पीछे कूद पड़ा था.
मदद के बजाय लोग बनाते रहे वीडियो
बस से बाहर कूदने के बाद महिपाल ने सबसे पहले अपने पिता को कॉल कर एक्सीडेंट के बारे में बताया था. इसके बाद उसका फोन बंद हो गया था. बस से बाहर निकलकर उसने अस्पताल ले जाने के लिए लोगों से मदद भी मांगी थी. मदद के बजाय लोग वीडियो बनाते रहे थे. उसका वीडियो काफी वायरल हुआ था. एम्बुलेंस भी वक्त पर नहीं आई थई. चाचा विनोद बताया कि हमारे मिलने वाले एक जानकार ने सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में महिपाल को पहचान कर हमें बताया तो पता चला था.
बाइक सवार ने पहुंचाया हॉस्पिटल
महिपाल को जो वीडियो सामने आया था, उसमें जलती बस से बाहर निकलकर लोगों से मदद की गुहार लगाता दिख रहा था. मगर किसी ने उसकी मदद नहीं की थी. युवक बार-बार कह रहा था कि भाई किसी गाड़ी में बैठा दो. लेकिन वहां मौजूद लोग सिर्फ एक-दूसरे को देखकर जिम्मेदारी टालते रह. कोई वीडियो बना रहा है तो कोई बस की आग देख रहा था. इस दौरान एक कार ड्राइवर ने युवक को देख कार में बैठता लिया था. लेकिन जैसे ही वह सीट पर बैठा तो ड्राइवर ने बाहर निकलने के लिए कह दिया था. इसके बाद महिपाल सड़क किनारे गिर गया था. इसके बाद एक बाइक सवार ने उसे जवाहर हॉस्पिटल पहुंचाया था. यहां से जोधपुर रेफर किया गया था.
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