जैसलमेर बस अग्निकांड के बाद भजनलाल सरकार ने किया मुआवजे का ऐलान, दूसरी तरफ प्रशासन का एक्शन चालू!
राजस्थान के जैसलमेर में हुए दर्दनाक बस अग्निकांड मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बस मालिक तुराब अली और ड्राइवर शौकत को बुधवार रात गिरफ्तार कर लिया है.

जैसलमेर बस अग्निकांड के बाद राज्य सरकार ने मुआवजे की घोषणा की है. भजनलाल सरकार ने हादसे में प्रत्येक मृतक परिवार को 10 लाख रुपए देने की घोषणा की है, इसके अलावा जिन परिवार में तीन या अधिक मौतें हुई है. उन्हें 25-25 लाख रुपए दिए जाएंगे. दूसरी तरफ सरकार ने बस के मालिक तुराब अलगी और ड्राइवर शौकत को गिरफ्तार कर लिया है. इस अग्निकांड में 2 एफआईआर दर्ज की गई थी.
मृतकों की संख्या 22 हुई
इस हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 22 हो गई है. गुरुवार सुबह इलाज के दौरान 54 वर्षीय भागा बानो ने दम तोड़ दिया. इससे पहले बुधवार सुबह 10 साल के यूनुस की भी मौत हो गई थी. फिलहाल, एक शव की पहचान नहीं हो पाई है.
उधर, पीड़ित परिवार जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल में धरने पर बैठ गए हैं और उचित मुआवजे की मांग करते हुए शव लेने से इनकार कर दिया है. अस्पताल के अनुसार, 5 मरीज अभी भी वेंटिलेटर पर हैं, जबकि 8 घायलों पर डॉक्टरों की कड़ी निगरानी है. डीएनए टेस्ट और पोस्टमार्टम के बाद शवों को परिजनों को सौंपने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है.
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जांच के लिए उच्चस्तरीय कमेटी गठित
राज्य सरकार ने हादसे के तकनीकी और विभागीय पहलुओं की गहन जांच के लिए 5 सदस्यीय उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया है. अतिरिक्त परिवहन आयुक्त (प्रशासन) ओपी बुनकर इस समिति में शामिल हैं. यह समिति बुधवार रात को जोधपुर पहुंच गई है और जैसलमेर बस दुर्घटना से संबंधित सभी पहलुओं की जांच करेगी.
जोधपुर में बन रहीं 66 बसें जब्त
वहीं परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग के अतिरिक्त परिवहन आयुक्त ओपी बुनकर ने बताया कि जैसलमेर बस हादसे के बाद विभाग ने तत्काल जांच शुरू कर दी है. जोधपुर की टीम ने जैनम कोच क्राफ्टर परिसर में बन रहीं बसों की जांच की और अब तक 66 बसों को जब्त कर लिया है. यह जांच की जा रही है कि बस बॉडी निर्माण में निर्धारित सुरक्षा मानकों (बॉडी कोड) का उल्लंघन तो नहीं किया गया है.
पुलिस जांच जारी, 18 DNA सैंपल मिले
एसपी अभिषेक शिवहरे ने बताया कि पुलिस ने बस ड्राइवर शौकत और मालिक तुराब अली को राजेंद्र सिंह चौहान के भाई चंदन सिंह और गोपीलाल दर्जी के भाई जगदीश की शिकायत पर गिरफ्तार किया है.
एसपी के अनुसार, बस में कुल 35 यात्री सवार थे, जिनमें से 22 की मौत हो चुकी है और 13 का इलाज जोधपुर में चल रहा है. अभी तक 19 शवों में से 18 के डीएनए सैंपल मिल चुके हैं, एक सैंपल का मिलना बाकी है. किसी भी यात्री के लापता होने की कोई शिकायत सामने नहीं आई है.
कब-कैसे हुआ हादसा
गौरतलब है कि यह हादसा 14 अक्टूबर की दोपहर 3.30 बजे हुआ था, उस समय, जैसलमेर से जोधपुर जा रही प्राइवेट एसी स्लीपर बस में आग लग गई थी. मौके पर ही 19 लोग जिंदा जल गए थे, जबकि एक ने रास्ते में दम तोड़ दिया था.