पाकिस्तान को अब इस लायक नहीं समझते सूर्यकुमार यादव, एशिया कप में हराने के बाद ये क्या कह गए कप्तान
भारत ने एशिया कप 2025 में पाकिस्तान को एक हफ्ते में दूसरी बार हराया। मैच के बाद सूर्यकुमार यादव ने कहा कि अब पाकिस्तान से कोई राइवेलरी नहीं बची, क्योंकि मुकाबला बराबरी का नहीं रहा.

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एशिया कप 2025 के सुपर-4 मुकाबले में भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान को पटखनी दे दी है. इस बार भारत ने पाकिस्तान को 6 विकेट से हराया और इसके साथ ही इस टूर्नामेंट में पाकिस्तान पर भारतीय टीम की दूसरी जीत रही. इससे पहले ग्रुप स्टेज में भी भारत ने 7 विकेट से पाकिस्तान को हराया था.

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अब जब एक हफ्ते के भीतर पाकिस्तानी टीम को दो बार हराने को लेकर भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव से भारत-पाक राइवेलरी को लेकर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने बड़ा ही दिलचस्प जवाब दिया. उनका कहना है कि अब भारत और पाकिस्तान के बीच कोई खास राइवेलरी बची ही नहीं है.

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राइवेलरी खत्म हो गई है
प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब सूर्यकुमार यादव से भारत-पाक मुकाबले को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने साफ-साफ कह दिया कि अब ये सवाल पूछना छोड़ देना चाहिए, क्योंकि अब इन दो टीमों के बीच वो टक्कर या प्रतिस्पर्धा बाकी नहीं रही.

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उन्होंने कहा, "राइवेलरी तब होती है जब मुकाबले कांटे के हों. जैसे 15-16 मैचों में एक टीम 8 जीते और दूसरी 7 तब मजा आता है, लेकिन यहां आंकड़ों में बहुत फर्क है. मुझे सही-सही नंबर याद नहीं, लेकिन इतना जरूर पता है कि हम ज्यादा जीते हैं और उनका रिकॉर्ड पीछे है."

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आंकड़े भी यही कहते हैं
सूर्यकुमार यादव की बात को अगर आंकड़ों से तौला जाए तो वो गलत नहीं है. दरअसल एशिया कप में अब तक भारत और पाकिस्तान के बीच 21 मुकाबले हुए हैं, जिनमें से भारत ने 12 बार जीत हासिल की है, जबकि पाकिस्तान को केवल 6 मुकाबलों में जीत मिली है. 3 मुकाबले बेनतीजा रहे हैं.

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वहीं T20 इंटरनेशनल में भारत और पाकिस्तान 15 बार आमने-सामने हुए हैं. इनमें से भारत ने 11 मुकाबले जीते हैं, जबकि पाकिस्तान को सिर्फ 3 बार जीत मिली है. 1 मुकाबला बेनतीजा रहा है.

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क्या अब भारत के लिए पाकिस्तान चुनौती नहीं रहा?
भारत की हालिया फॉर्म और पाकिस्तान पर लगातार जीतें देखकर यही कहा जा सकता है कि अब टीम इंडिया के लिए पाकिस्तान से भिड़ंत उतनी बड़ी चुनौती नहीं रही, जितनी पहले मानी जाती थी और शायद इसी वजह से सूर्यकुमार यादव जैसे खिलाड़ी अब इस राइवेलरी को ज्यादा तवज्जो नहीं दे रहे.