UP में पकड़े गए फेक IAS की गजब कहानी, भौकाल पर करता था लाखों खर्च, शादीशुदा है फिर भी 4 गर्लफ्रेंड जिनमें 3 प्रेग्नेंट
Gorakhpur Fake IAS: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में पकड़ा गया फेक IAS गौरव कुमार सिंह उर्फ ललित किशोर की कहानी बेहद ही चौंकाने वाली है. फर्जी IAS ने भौकाली दिखाने के लिए लोगों से सरकारी टेंडर और काम दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी है. आइए सिलसिलेवार तरीके से जानते हैं कौन हैं फर्जी IAS से लेकर उसके पकड़े जाने तक की पूरी कहानी.

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से एक फेक IAS गौरव कुमार सिंह की गजब कहानी सामने आई है. कभी सरकारी नौकरी की चाह रखने वाले लड़के ने कुछ ऐसा कर दिखाया जिसका शायद ही किसी ने सोचा होगा. लोगों के बीच अपना भौकाल जमाने, पैसें ऐंठने और IAS की तरह प्रोटोकॉल मेंटेन करने के लिए वह महीने के लाखों रुपए खर्च करने लगा. फेक IAS ने धीरे-धीरे करके अपना नेटवर्क फैलाया और 4 राज्य में अपनी मजबूत पकड़ बना ली. फर्जी IAS ने इस काम में अपने साले को भी साथी बनाया और दोनों मिलकर लोगों से सरकारी काम और टेंडर दिलाने के लिए रुपए ऐंठने शुरू कर दिए. गौरव ने शादीशुदा होने के बावजूद 4 गर्लफ्रेंड भी बनाए है जिसमें की 3 प्रेग्नेंट है. लेकिन फिर एक गलती ने इस पूरे साम्राज्य का भंडाफोड़ कर दिया. आइए सिलसिलेवार तरीके से जानते हैं यह कहानी.
कौन हैं फर्जी IAS?
गोरखपुर में यूपी पुलिस ने एक फर्जी IAS गौरव कुमार सिंह को पकड़ा है. पुलिस पूछताछ में उसने अपना पूरा काला-कारनामा बताया है. पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक फर्जी IAS बिहार के सीतामढ़ी जिले के मेहसौल का रहने वाला है. गौरव कुमार सिंह उर्फ ललित किशोर ने सीतामढ़ी जिले से ही अपनी पढ़ाई-लिखाई की है. वह बचपन से ही तेज-तर्रार था. गौरव के पिता का चलितर राम है और वे पेंट-पॉलिश का काम करते थे. गौरव ने पहले अपने पापा से यह काम सीखा और वह कई जगह जाकर मजदूरी भी करता था.
3 साल सिविल सर्विस की तैयारी की
ललित पढ़ने में काफी अच्छा था और उसने 2019 में मैथ में एमएससी की पढ़ाई पूरी की. ललित का सपना था कि वह शिक्षा विभाग में डीआईओएस बने, साथ ही उसने 3 साल तक सिविल सर्विस की तैयारी भी की. बाद में उसने सीतामढ़ी में ही आदित्य सुपर 50 के नाम से कोचिंग खोली और वहां प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले बच्चों को पढ़ाने लगा.
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2022 में पहली बार की धोखाधड़ी
कोचिंग में पढ़ाने के दौरान ललित ने पहली बार धोखाधड़ी की. साल 2022 में उसने एक स्टूडेंट को जॉब दिलाने के नाम पर 200000(2 लाख रुपए) ऐंठ लिए, पर जॉब नहीं दिला पाया. जब काम नहीं होने पर बच्चे ने उससे पैसे वापस मांगे तो वह लौटा नहीं पाया, जहां बच्चों के परिजनों ने उस पर मुकदमा ठोक दिया और उसकी गिरफ्तारी हो गई. जमानत पर बाहर आने के बाद ललित एक साल के लिए अंडरग्राउंड रहा.
गिरफ्तारी ने तोड़े सारे सपने
ललित पर मुकदमा दर्ज होने के बाद उसके सारे सपने टूट गया और उसे लगा कि अब सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी. अंडरग्राउंड रहने के दौरान उसे एक लड़की से प्यार हो गया और फिर उसने उसे भगाकर एक मंदिर में शादी कर ली. ललित ने पुलिस को बताया कि जब शादी के बाद जिम्मेदारियां बढ़ी और पैसों की जरूरत पड़ी तो लोगों को नौकरी दिलाने और सरकारी ठेका दिलाने का ऑफर देकर रुपए ऐंठने लगा.
सॉफ्टवेयर इंजीनियर साले को भी किया साथ, दिखाने लगा भौकाली
ललित ने पुलिस को बताया कि लोगों से पैसे ऐंठने के लिए उसने अपने साले अभिषेक की मदद ली. अभिषेक ने भी सॉफ्टवेयर इंजीनियर की पढ़ाई किया था जिसकी वजह से लोगों के बीच उसकी अच्छी जान पहचान थी. ललित और अभिषेक ने प्लान बनाया कि ललित किशोर अब गौरव कुमार सिंह के नाम पर IAS बनकर फर्जीवाड़ा करेंगे. अभिषेक की मदद से फर्जी IAS आईडी, नेम प्लेट सहित और फर्जी डॉक्यूमेंट्स भी बना लिए. साथ ही ललित पूरी IAS की तरह प्रोटोकॉल से चलने लगा और लोगों के बीच अपनी भौकाली दिखाने के लिए अच्छी तादाद में लोग भी रखता था, जिसके पीछे लाखों रुपए खर्च होते थे.

AI से तैयार कर देता था लोगों को पेपर
ललित ने अपने काले-कारनामे बताते हुए खुद कहा कि वह बड़े-बड़े बिल्डरों और कारोबारी को सरकारी ठेका वह अन्य सरकारी कारोबार दिलाने का ऑफर देता था और डील हो जाने के बाद AI की मदद से तैयार किया हुआ पेपर मुहैया करा देता था. इसी तरह उसने लोगों को विश्वास में करके करोड़ों की ठगी की थी. एक मामले में उसने कारोबारी को 450 करोड़ का टेंडर दिलाने का झांसा देकर 5 करोड़ रुपए और 2 इनोवा कार रिश्वत में ले ली थी.
SDM को जड़ दिया था थप्पड़
इस फर्जी IAS मामले में एक अजीबो-गरीब किस्सा भी सामने आया है. ललित सफेद इनोवा कार पर लाल-नीली बत्तियां लगाकर गांव का दौरा करने जाता था. एक बार जब वह बिहार के भागलपुर गांव में दौरा करने पहुंचा था, तो उसकी मुलाकात एक असली SDM से हो गई. इस दौरान SDM ने बैच और रैंक को लेकर सवाल किया तो ललित ने उसे जवाब देने के बजाय दो थप्पड़ जड़ दिए. हैरान करने वाली बात यह है कि SDM ने इस मामले की शिकायत भी नहीं की थी.
कैसा खुला मामले का भेद?
इस मामले का भेद खुलने के पीछे भी जबरदस्त कहानी है. बिहार चुनाव के दौरान गोरखपुर जीआरपी ने 99 लाख कैश पकड़े थे. पता चला की यह पैसा बिहार चुनाव में जा रहा था और पकड़ जाने वाले व्यक्ति ने पूछताछ में इन पैसा का संबंध गोरखपुर के रहने वाले IAS गौरव कुमार सिंह(ललित किशोर) का बताया था. फिर क्या था गोरखपुर पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई और सर्विलांस पर लग गई. जांच में पता चला कि गौरव कुमार सिंह के नाम पर यह एक फर्जी IAS है और यूपी में अपने जालसाजी का नेटवर्क बनाने के लिए गोरखपुर के परमानंद गुप्ता को सेट किया गया है. साथ ही इस गिरोह ने 3 साल में बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और झारखंड में अपना नेटवर्क फैला रखा है.
पुलिस को मिली लड़कियों के साथ चैट, 3 प्रेग्नेंट
पुलिस पूछताछ में ललित ने बताया कि उसने फर्जी IAS की एक आईडी प्रोफाइल भी बनाई थी, जिससे की उसकी कई लड़कियों से दोस्ती हुई. उसने एक-एक करके 4 गर्लफ्रेंड बनाई. पुलिस को लड़कियों के साथ ललित की लंबी-लंबी चैट मिली है, जिससे यह पता चला कि मौजूदा वक्त में तीन गर्लफ्रेंड प्रेग्नेंट भी है. चौंकाने वाली बात यह भी है कि उन्हें ललित के शादीशुदा होने की बात की जानकारी भी नहीं थी. पुलिस ने जब इन लड़कियों से बात की तो पता चला कि वो गौरव उर्फ ललित से प्यार करती थी.
गोरखपुर के एसपी ने बताई खास बात
इस मामले में गोरखपुर के एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने बताया कि गौरव उर्फ ललित एक बड़े नेटवर्क में काम कर रहा था. जांच में अभी और नए फैक्ट आने की उम्मीद है. मोबाइल और गौरव के पास मिले दस्तावेज से कई फैक्ट सामने आ चुके हैं, हमने उसकी पूरी जालसाजी तक पहुंचाने के लिए बिहार झारखंड और मध्य प्रदेश की पुलिस से भी संपर्क किया है.
यहां देखें SP का बयान
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