बिहार चुनाव के परिणाम से पहले गुरुद्वारा, मजार और महावीर मंदिर पहुंचे नीतीश, चढ़ाई चादर, क्या दे रहे हैं संदेश?
Bihar Election 2025: बिहार चुनाव नतीजों से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भक्ति के रंग में नजर आए और पटना के कई धार्मिक स्थलों पर जाकर पूजा-अर्चना की.

Bihar Election 2025: बिहार चुनाव 2025 की वोटिंग खत्म हो चुकी है और अब सबकी नजरें 14 नवंबर पर टिकी हैं, क्योंकि इसी दिन रिजल्ट आने है. हर किसी को बिहार के अगले सीएम का इंतजार है. इसी बीच, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का एक अलग ही रूप सामने आया.
बुधवार यानी 12 नवंबर की सुबह नीतीश कुमार पटना के महावीर मंदिर पहुंचे. मंदिर में उन्होंने श्रद्धा से पूजा-अर्चना की और भगवान हनुमान से बिहार की खुशहाली की प्रार्थना की. मंदिर में मौजूद लोगों ने भी सीएम का गर्मजोशी से स्वागत किया. वहां उन्होंने किशोर कुणाल की प्रतिमा पर माला चढ़ाया. इस मौके पर उनके साथ बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी और विजय चौधरी भी मौजूद थे.
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मजार पर चढ़ाई चादर
मंदिर से निकलने के बाद सीएम नीतीश सीधे पटना हाईकोर्ट मजार पहुंचे. वहां भी उन्होंने इबादत की और चादर भी चढ़ाए. इसके बाद उनका अगला पड़ाव था पटना साहिब गुरुद्वारा. यहां उन्होंने मत्था टेकते हुए और देश-राज्य की तरक्की की दुआ मांगी.
दरअसल, जैसे-जैसे एग्जिट पोल के नतीजे आ रहे हैं वैसे ही नीतीश कुमार और जेडीयू खेमे में खुशी की लहर दौड़ गई. एग्जिट पोल के अनुसार इस बार एनडीए को बढ़त मिलती नजर आ रही है और इसी से नीतीश कुमार का चेहरा भी खिला हुआ नजर आया.
तस्वीर की साझा
जेडीयू ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी एक पोस्ट शेयर किया, जिसमें लिखा- ''खत्म होने को है इंतजार, 14 नवंबर को आ रही है आपकी NDA सरकार.'' पोस्ट के साथ पार्टी ने बिहार की जनता का धन्यवाद भी किया जिसने एनडीए और जेडीयू पर भरोसा जताया.
नीतीश कुमार का भाईचारे का संदेश
नीतीश के दर्शन करने के बाद पटना में मंत्री विजय चौधरी ने बताया कि सीएम नीतीश ने ईश्वर और जनता के प्रति धन्यवाद प्रकट किया है. उन्हें इस बात की खुशी है कि चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से हो गया, इसके लिए उन्होंने सभी धर्मों के स्थलों पर जाकर प्रार्थना की. उनका मानना है कि जनसेवा ही सबसे बड़ा धर्म है और वे बिना किसी भेदभाव के सबके लिए काम करते हैं.
राजनीतिक जानकारों की मानें तो नीतीश कुमार का यह कदम कोई नया नहीं है. वो पहली बार नहीं बल्कि हर चुनाव के बाद मंदिर, मजार और गुरुद्वारे में जाकर आशीर्वाद लेते हैं. ऐसा करके वे ये संदेश देना चाहते हैं कि भले ही उनकी पार्टी ने बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा हो लेकिन वे सभी धर्मों और समुदायों का समान रूप से सम्मान करते हैं.
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