CNX Exit Poll: बिहार में NDA को भारी बहुमत, जानिए महागठबंधन को कितनी मिल रही है सीटें
CNX Exit Poll: बिहार विधानसभा चुनाव के ताजा अनुमानों में एनडीए को स्पष्ट बढ़त मिलती दिख रही है, जबकि महागठबंधन पिछड़ता नज़र आ रहा है.

Bihar Election 2025: बिहार में कल यानी 11 नवंबर को दूसरे चरण का चुनाव समाप्त हो गया है. इसके बाद जारी किए गए CNX एग्जिट पोल के अनुमानों में एनडीए (NDA) को बड़ी बढ़त मिलती दिख रही है. सर्वे के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू (JD(U)) की मजबूत वापसी के कारण एनडीए एक बार फिर सत्ता में लौटने की ओर है.
CNX Exit Poll के ताजा अनुमान के अनुसार बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार NDA को 150 से 170 सीटें मिलने की संभावना जताई जा रही है, जबकि महागठबंधन को 70 से 90 सीटों के बीच सीमित रहने का अनुमान है. जन सुराज पार्टी को 0 से 2 सीटें मिल सकती है, वहीं अन्य दलों के खाते में 1 से 3 सीटें जा सकती हैं. वोट शेयर के लिहाज से भी एनडीए को स्पष्ट बढ़त मिलती दिख रही है, जबकि महागठबंधन पिछड़ता नजर आ रहा है और जन सुराज पार्टी और अन्य दलों का प्रभाव सीमित रहने की संभावना है.
सीट शेयर अनुमान
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| NDA | 150 से 170 सीटें |
| महागठबंधन | 70 से 90 सीटें |
| जन सुराज पार्टी | 0 से 2 सीटें |
| अन्य | 1 से 3 सीटें |
वोट प्रतिशत भी जान लीजिए
| NDA | 45.03% |
| महागठबंधन | 38.50% |
| जन सुराज पार्टी | 8.61% |
| अन्य | 7.86% |
महिला, प्रवासी और युवा बन सकते हैं गेम चेंजर
CNX सर्वे की मानें तो इस विधानसभा चुनाव में महिलाएं, प्रवासी मजदूर और युवा वोटर (MMY) ने नतीजों को प्रभावित किया है. खासकर ग्रामीण महिलाओं ने बड़ी संख्या में NDA को वोट दिया. महिलाएं सरकार की योजनाओं, शराबबंदी नीति और परिवारिक स्थिरता से खुश और संतुष्ट नजर आ रही हैं.
जातीय समीकरण में एनडीए को बढ़त
इस सर्वे की मानें तो ओबीसी, ईबीसी, एससी और सवर्ण वोटरों का बड़ा हिस्सा इस बार एनडीए के साथ है. यही वजह है कि एनडीए को राज्य का सबसे बड़ा सामाजिक गठबंधन कहा जा रहा है.
आरजेडी का ‘हर घर नौकरी’ वादा नहीं चला
आरजेडी की प्रमुख योजना ‘हर घर नौकरी योजना’ मतदाताओं को प्रभावित नहीं कर पाई. कई वोटरों ने इसे ऐसा वादा बताया है जो पूरा नहीं हो सकता. जबकि उन्हीं लोगों ने नीतीश सरकार के कामकाज पर भरोसा जताया है.
जन सुराज पार्टी को सीमित लेकिन दिखी पकड़
प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी को इस चुनाव में कुछ शहरी, प्रवासी और पहली बार वोट देने वाले युवाओं से समर्थन मिला. भले ही सीटें कम हों लेकिन यह पार्टी बिहार की राजनीति में एक नए विकल्प के रूप में उभरती दिख रही है.
बता दें कि सर्वे CNX, भारत की टॉप चुनाव सर्वे एजेंसी ने किया है. यह एक फेस-टू-फेस एग्जिट पोल था, जिसमें वोटिंग खत्म होने के तुरंत बाद मतदान केंद्रों पर मतदाताओं से बातचीत की गई. पूरे बिहार की 243 विधानसभा सीटों से कुल 72,900 लोगों से राय ली गई यानी हर सीट से करीब 300 सैंपल लिए गए.










