बिहार चुनाव जीतने के लिए प्रत्याशी ले रहे हैं तंत्र का सहारा, उज्जैन के श्मशान में हो रही साधना
बिहार चुनाव में जीत के लिए कुछ प्रत्याशी उज्जैन के श्मशान में तंत्र साधना करवा रहे हैं. दिवाली पर किए जा रहे ये अनुष्ठान सफलता और विजय की कामना के साथ हो रहे हैं.

बिहार में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. फिलहाल यहां सभी पार्टियों का प्रचार जोरों पर है. हर प्रत्याशी अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहा है.
कुछ घर-घर जाकर वोट मांग रहे हैं, तो कहीं रोड शो और जनसभाएं हो रही हैं. लेकिन इस बार कुछ प्रत्याशी केवल मेहनत ही नहीं, बल्कि तंत्र साधना का भी सहारा ले रहे हैं.
उज्जैन पहुंच रहें प्रत्यशी
बताया जा रहा है कि बिहार चुनाव के कुछ प्रत्याशी अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए मध्यप्रदेश के उज्जैन में विशेष तंत्र क्रियाएं करवा रहे हैं. उज्जैन का विक्रांत भैरव श्मशान घाट जो कि महाकाल की नगरी में स्थित है इन दिनों चर्चा में है. दीपावली के पावन अवसर पर यहां विशेष अनुष्ठान और साधनाएं की जा रही हैं.
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तंत्र साधकों के अनुसार, यह स्थान तंत्र साधना के लिए बेहद शक्तिशाली माना जाता है. उनका कहना है कि कार्तिक अमावस्या की रात को यहां तंत्र क्रियाएं करने से सिद्धि, यश, वैभव और विजय की प्राप्ति होती है. यही वजह है कि इस बार भी बिहार चुनाव से जुड़े कुछ प्रत्याशियों ने यहां विशेष पूजा और साधनाएं करवाई हैं.
साधकों के मुताबिक, धनतेरस की रात से शुरू हुए ये अनुष्ठान दिवाली की रात तक चलेंगे. इन अनुष्ठानों में भैरव बाबा, मां काली, मां लक्ष्मी के साथ-साथ धन के देवता कुबेर और गणेश जी की भी पूजा की जा रही है. तांत्रिकों का दावा है कि इस स्थान पर की गई साधना हमेशा सफल होती है.
उज्जैन का यह श्मशान घाट देश के पांच प्रमुख श्मशानों में गिना जाता है, जहां तंत्र साधना का विशेष प्रभाव माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, स्वयं भैरव जी ने यहां साधना की थी और यह स्थान भैरवगढ़ के नाम से प्रसिद्ध है.
फिलहाल, बिहार में सियासी पारा चढ़ा हुआ है और प्रत्याशी जीत के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते. यही वजह है कि अब प्रचार के साथ-साथ तंत्र का सहारा भी लिया जा रहा है.
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