बिहार में महिलाओं को कैसे मिलेंगे 10 हजार रुपए, जानें 'मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना' से जुड़ी हर डिटेल

बिहार सरकार की मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत आज जीविका समूह से जुड़ी महिलाओं के खाते में ₹10,000 की पहली किस्त आ रही है. यह पैसा 18 तरह के स्वरोजगार शुरू करने के लिए दिया जा रहा है.

Mukhyamantri Mahila Rojgar Yojana
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बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए सरकार ने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना शुरू की है. आज 11 बजे पीएम नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बिहार में मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना का शुभारंभ करेंगे. इस मौके पर पीएम मोदी बिहार की करीब 75 लाख महिलाओं के बैंक खातों में ₹10,000 की पहली किस्त ट्रांसफर करेंगे. चुनावी माहौल में यह योजना एनडीए के लिए गेम-चेंजर भी साबित हो सकती है.

क्या है मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना?

योजना का उद्देश्य बिहार की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है. इस योजना के तहत प्रत्येक परिवार की एक महिला को अपनी पसंद का अपनी पसंद का व्यवसाय शुरू करने के लिए 10,000 रुपये की पहली किस्त दी जाएगी, इससे योजना के तहत 18 तरह के रोजगार जैसे कृषि, पशुपालन, हस्तशिल्प, सिलाई जैसे उद्यम शुरू कर सकती हैं. 

व्यवसाय शुरू होने के छह महीने बाद महिलाओं के काम का मूल्यांकन होगा. अच्छा प्रदर्शन करने वाली महिलाओं को 2 लाख रुपये तक की अतिरिक्त वित्तीय मदद दी जाएगी. इसके अलावा, स्वयं सहायता समूहों (SHGs) से जुड़ी महिलाओं को विशेष प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा, ताकि वे अपने व्यवसाय को बेहतर तरीके से चला सकें.

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योजना का लाभ कैसे लें?

इस योजना का लाभ लेने के लिए महिलाओं को 'जीविका स्वयं सहायता समूह' से जुड़ना होगा. आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह निशुल्क है. आवेदन करने के लिए नीचे दिए गए स्टेप्स फॉलो करें.

- जिन महिलाओं को अपना व्यवसाय शुरू करना है और इस योजना का लाभ उठना है तो उसे पहले जीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़ना होगा. इसके लिए उन्हें जुड़ने के लिए ग्राम संगठन में आवेदन करना होगा और Self Declaration Form भरकर जमा करना होगा. 

-  जो महिलाएं अभी 'जीविका स्वयं सहायता समूह' से नहीं जुड़ी हैं, वे www.brls.in पर उपलब्ध Self Declaration Form भरकर ग्राम संगठन में जमा करें. इसके बाद महिलाएं इस योजना के लिए पात्र होंगी और आवेदन कर इस योजना का लाभ उठा सकती है. 

योजना का लाभ लेने की शर्तें

- आवेदक को बिहार का स्थायी निवासी होना चाहिए.

- न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 10+2, आईटीआई, पॉलिटेक्निक डिप्लोमा या समकक्ष होनी चाहिए.

- उम्र 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए.

- सभी धर्मों, जातियों और ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए योजना खुली है.

- परिवार में कोई सदस्य सरकारी नौकरी में या आयकर दाता नहीं होना चाहिए.

ग्रामीण बाजारों को मिलेगा बढ़ावा

महिलाओं द्वारा उत्पादित वस्तुओं की बिक्री सुनिश्चित करने के लिए भी सरकार ने योजना बनाई है. इसके तहत राज्य में ग्रामीण हाट-बाजारों को और विकसित किया जाएगा. यह कदम न केवल महिलाओं को उनके उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने में मदद करेगा, बल्कि उनकी आजीविका को भी मजबूती प्रदान करेगा.

चुनाव में गेम-चेंजर साबित होगी योजना?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह योजना बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकती है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लंबे समय से महिला सशक्तिकरण को अपनी नीतियों का केंद्र बनाते रहे हैं. इस योजना के जरिए एनडीए महिला वोटरों को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रही है.

 
 
 
 

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