गोद में बच्ची लेकर कोर्ट पहुंची DSP पूजा पांडे, जानें एमपी पुलिस की इमेज खराब करने वाली कौन हैं ये

MP के शिवनी में सीएसपी पूजा पांडे समेत 11 पुलिसकर्मियों पर हवाला कारोबारी से मिलीभगत कर 2.96 करोड़ की लूट का आरोप है. कोर्ट में पेशी के दौरान पूजा पांडे अपनी बच्ची को गोद में लेकर पहुंचीं, जिसकी तस्वीरें वायरल हो गईं.

डीएसपी पूजा पांडे
डीएसपी पूजा पांडे
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एमपी के शिवनी में पुलिस पर ही हवाला कारोबारी के साथ मिलकर करोड़ों की हेराफेरी करने के गंभीर आरोप लगे हैं. इस मामले में सबसे ज्यादा चर्चा में हैं शिवनी की सीएसपी पूजा पांडे, जो हाल ही में कोर्ट में पेशी के दौरान अपनी छोटी बच्ची को गोद में लेकर पहुंचीं. 

उनकी बच्चे को लेकर कोर्ट में पहुंचने वाली तस्वीर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है और लोगों का ध्यान भी खींच रही है.

क्या है पूरा मामला?

दरअसल आरोप है कि शिवनी पुलिस ने एक हवाला कारोबारी के साथ मिलकर लगभग 2 करोड़ 96 लाख रुपए की डील की थी. उनका प्लान था कि इन पैसों को 50-50 बांटा जाएगा, लेकिन ऐन वक्त पर पुलिस वालों ने अपने हिस्से के पैसे तो रख लिए, पर कारोबारी को कम रकम लौटाई. 

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इस धोखे से नाराज कारोबारी ने थाने में जाकर खुद पुलिस के खिलाफ शिकायत दर्ज कर दी. शिकायत सामने आने के बाद मामला तूल पकड़ गया. 

सीएम ने जताई नाराजगी 

इस मामले में खुद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नाराजगी जता चुके है. इसके साथ ही उन्होंने तुरंत कार्रवाई के भी निर्देश दिए है. पुलिस जांच के बाद इस मामले में सीएसपी पूजा पांडे, टीआई अर्पित भैरम सहित कुल 11 पुलिसकर्मियों के खिलाफ डकैती, अपहरण और आपराधिक साजिश जैसी गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया.

कोर्ट में पेशी और वायरल हुई तस्वीर

जब सभी आरोपितों जब कोर्ट में बुलाया गया तो सबसे ज्यादा ध्यान खींचा सीएसपी पूजा पांडे की एक झलक ने. पूजा पांडे अपनी छोटी बच्ची को गोद में लेकर कोर्ट पहुंचीं थी. इसी दौरान की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए, जहां लोग अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं.

कुछ लोगों को यह देखकर हैरानी हुई कि इतनी गंभीर धाराओं में आरोपी एक पुलिस अफसर अपने बच्चे के साथ कोर्ट पहुंची, तो वहीं कुछ लोग इसे एक मां की मजबूरी भी बता रहे हैं.

क्या हुआ कोर्ट में?

कोर्ट ने सभी 10 पुलिसकर्मियों को 3 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है. वहीं, इस मामले में शामिल एक आरक्षक राजेश जंघेला फिलहाल फरार है, जिसकी तलाश जारी है,

क्या कहती है पुलिस और सरकार?

मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस महकमा और राज्य सरकार दोनों ही जांच को लेकर सतर्क हैं. सरकार ने साफ कर दिया है कि दोषी चाहे कोई भी हो उसे माफ नहीं किया जाएगा.

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