संसद में राहुल और अखिलेश से ऐसे दूर किए गए फैजाबाद अयोध्या सीट के सांसद अवधेश प्रसाद

नवंबर में संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हुआ तो खेल हो गया. समाजवादी पार्टी के दो बड़े चेहरे फ्रंट रो से गायब हो गए. विपक्ष की पहली बेंच से अवधेश प्रसाद गायब हो गए.

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तस्वीर: सोशल मीडिया.
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न्यूज़ हाइलाइट्स

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डिंपल यादव की भी सीट बदली गई तो भड़क गए पति अखिलेश यादव.

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संसद में राहुल गांधी और अखिलेश यादव को भी किया गया एक दूसरे से दूर.

2024 के लोकसभा चुनाव का रिजल्ट आया तो फैजाबाद अयोध्या सीट पर सनसनी मच गई. अयोध्या में भव्य राम मंदिर बन जाने के बाद हुए पहले चुनाव में ही बीजेपी की हार हुई थी. बीजेपी को हराने वाले समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद पहली बार सांसद बनकर रातोंरात स्टार बन गए. राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने संसद में बीजेपी को चिढ़ाने के लिए अवधेश प्रसाद को पोस्टर बॉय बना दिया. अपने साथ, अपने बगल में विपक्ष की बेंच पर बिल्कुल पहली बेंच पर सीट दिला दी. जुलाई में भाषण देते हुए राहुल गांधी ने बगल में बैठे अवधेश प्रसाद से हैंडशेक करके बीजेपी के जले पर नमक छिड़का था. 

ऐसा होने लगा कि जैसे ही संसद टीवी का कैमरा राहुल गांधी, अखिलेश यादव पर फोकस करता, अवधेश प्रसाद भी दिख जाते. जहां अखिलेश यादव की सीट लगी थी उसके पीछे वाली सीट पर उनकी पत्नी डिंपल यादव बैठती थीं. जुलाई अगस्त वाले सत्र में तो यही सिस्टम चला. 

नवंबर में संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हुआ तो खेल हो गया. समाजवादी पार्टी के दो बड़े चेहरे फ्रंट रो से गायब हो गए. विपक्ष की पहली बेंच से अवधेश प्रसाद गायब हो गए. सेंकड रो में डिंपल यादव नहीं दिखीं. दोनों की सीट बदल दी गई है.  अब अवधेश प्रसाद सेकंड रो में सीट नंबर 357 पर बैठेंगे. उनके बगल वाली सीट 358 पर डिंपल यादव बैठेंगी.

ऐसे शुरू हुआ विवाद 

अब इस पर विवाद भी शुरू हो गया. डिंपल यादव ठहरीं पत्नी, अवधेश प्रसाद बने पार्टी के सुपरस्टार. दोनों की सीटें बदल गईं और अखिलेश यादव से पूछा भी नहीं, बताया भी नहीं. जबकि अखिलेश समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष होने के साथ-साथ संसदीय दल के नेता भी हैं. सीट रीअरेंजमेंट में अखिलेश यादव की भी सीट बदली गई है. पहले राहुल गांधी और अखिलेश यादव साथ बैठ रहे थे. राहुल से अखिलेश यादव दूर कर दिए गया है. राहुल के बगल में केसी वेणुगोपाल को बैठाया गया है. 

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कौन कहां बैठेगा यो कौन तय करता है? 

लोकसभा में कौन सा सांसद कहां बैठेगा, ये तय करते हैं स्पीकर ओम बिरला. पुरानी परम्परा है कि स्पीकर की सीट के दाहिने ओर सरकार बैठती है. बाईं ओर विपक्ष की बैठकी होती है. फिर सदन में जिस पक्ष की जितनी सीटें होती हैं उसके हिसाब से सांसद बिठाए जाते हैं. ये सिस्टम नहीं होता कि कोई सांसद अपनी मर्जी से किसी भी सीट पर बैठ जाए. सीटिंग अरेंजमेंट कई कारणों से जरूरी होता है. एक तो वोटिंग के समय जिस सांसद को जो सीट अलॉटेड है उसी पर बैठकर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग कर सकता है. जब सदन में प्रश्न काल होता है और स्पीकर नाम पुकारते हैं तो सांसद के अलॉटेड सीट का ही माइक ऑन-ऑफ होता है. 

शीतकालीन सत्र ने हो गया री-अरेंजमेंट 

शीतकालीन सत्र के लिए स्पीकर ओम बिरला ने लोकसभा में सांसदों के बैठने के सिस्टम का रीअरेंजमेंट किया. कई सांसदों, मंत्रियों की सीटें इधर से उधर हो गईं. इसी प्रक्रिया में नई सांसद प्रियंका गांधी, रवींद्र चव्हाण की सीटों का भी इंतजाम हुआ. प्रियंका गांधी को फोर्थ रो में 517 नंबर की सीट दी गई है.

इसी सबमें अवधेश प्रसाद और डिंपल यादव की सीटें बदल गईं तो अखिलेश यादव का पारा गर्म हो गया. विपक्ष की बेंच के फर्स्ट रो में सपा को अलॉटेड दो में से एक ही सीट अखिलेश की रह गई. अवधेश प्रसाद फर्स्ट रो से सेकंड रो में भेजे गए. अखिलेश यादव और पार्टी की नाराजगी के बारे में डिंपल यादव ने स्पीकर के सामने मामला उठाया. कहा कि पहले की तरह फर्स्ट रो में दो सीटें सपा की होनी चाहिए. ऐसा होगा या नहीं, इसका भरोसा स्पीकर ने डिंपल को दिया नहीं है.

संसद के प्रोटोकॉल में सांसद की सीट को डिवीजन नंबर कहा जाता है जो एक नंबर से 543 तक जाता है. एक नंबर यानी पीएम की सीट, दो नंबर अमित शाह, चार नंबर नितिन गडकरी का डिवीजन नंबर हुआ. डिवीजन नंबर सत्ता पक्ष से शुरू होकर विपक्ष की ओर जाते-जाते 300 पार हो जाता है. राहुल गांधी की सीट 498 है. अखिलेश की 355. 

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