पूछे गए गंदे सवाल? एथिक्स कमेटी की बैठक से गुस्से में बाहर निकलीं महुआ मोइत्रा!

कीर्ति राजोरा

ADVERTISEMENT

एथिक्स कमेटी के सामने पेश होने के बाद वहां से महुआ तमतमाते हुए बाहर निकली.
एथिक्स कमेटी के सामने पेश होने के बाद वहां से महुआ तमतमाते हुए बाहर निकली.
social share
google news

महुआ मोइत्रा कैश फॉर क्वेरीः क्या आपको मेरी आंखों में आंसू दिखाई दे रहे हैं. गुस्से में लाल होकर टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पत्रकार से सवाल पूछ रही हैं. दरअसल कैश फॉर क्वेरी केस यानी पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के आरोपों का सामना कर रहीं महुआ 2 नवंबर को एथिक्स कमेटी के सामने पेश हुई थीं. महुआ एथिक्स कमेटी के सामने पेश तो हुई लेकिन बीच बैठक से ही तमतमाती हुईं बाहर निकल आई. उनके साथ कई एथिक्स कमेटी के सदस्य भी गुस्से में बाहर आ गए. आग बबूला महुआ ने शिकायत की कि एथिक्स कमेटी वाले मुझसे गंदे सवाल पूछ रहे थे.

क्या पूछ लिया एथिक्स कमेटी ने

महुआ ने जिन गंदे सवाल पूछने का आरोप लगाया उसकी पुष्टि एथिक्स कमेटी के कुछ सदस्यों ने भी की. ये वो सांसद सदस्य थे जो विपक्षी पार्टियों के कोटे से कमेटी में हैं. एथिक्स कमेटी की मीटिंग में मोइत्रा को कांग्रेस सांसद एन उत्तम कुमार रेड्डी, बसपा के दानिश अली सहित कुछ विपक्षी सांसदों का समर्थन मिला. दानिश अली ने आरोप लगा दिया कि द्रौपदी का चीर हरण हुआ है. उन्होंने ही दावा किया कि महुआ से पूछा गया कि वो रात में किससे बात करती हैं.

कमेटी के सामने एग्रेसिव थीं महुआ

बता दें कि एथिक्स कमेटी में ज्यादातर सदस्य बीजेपी के हैं. चेयरमैन विनोद सोनकर भी बीजेपी के हैं. बीजेपी के सांसद और अपराजिता सारंगी ने महुआ की कुछ और कहानी बताई. अपराजिता ने दावा किया कि कमेटी के सामने महुआ मोइत्रा का रवैया बहुत एग्रेसिव, रूड, डिफेंसिव और एरोगेंट था.

ADVERTISEMENT

यह भी पढ़ें...

सभी आरोप बेबुनियादः महुआ

महुआ पर पैसे लेकर सवाल पूछने के आरोप बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और महुआ के दोस्त रहे जय अनंत देहाद्राई ने लगाए हैं. कमेटी के सामने दोनों अपना पक्ष रख चुके हैं. आरोप सुनने के बाद कमेटी ने महुआ को पक्ष रखने के लिए बुलाया था. खबरों की मानें तो मोइत्रा ने लगाए सभी आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए खुद को निर्दोष बताया. उन्होंने एथिक्स समिति को बताया कि यह आरोप वकील जय अनंत देहाद्राई की दुश्मनी से प्रेरित हैं, क्योंकि उन्होंने उनके साथ अपने व्यक्तिगत संबंध तोड़ दिए थे. एथिक्स कमेटी के हंगामे पर निशिकांत दुबे ने नया एंगल ये दिया कि निचली जाति के होने के कारण चेयरमैन विनोद सोनकर को निशाना बनाया जा रहा है.

महुआ पर हैं क्या आरोप

इस पूरे मामले की शुरुआत बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के आरोपों से हुई. निशिकांत दुबे ने पिछले दिनों टीएमसी की सांसद महुआ मोइत्रा पर संसद में सवाल पूछने के लिए मुंबई के बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से पैसे, गिफ्ट लेने का आरोप लगाया था. इस विवाद में गौतम अदाणी का भी नाम आया. आरोप लगाया कि पीएम मोदी को बदनाम करने, अदाणी की छवि खराब करने के लिए हीरानंदानी के इशारे पर संसद में सवाल पूछे. सांसद होने के नाते पार्लियामेंट एक्सेस का लॉगिन, पासवर्ड तक शेयर किया. निशिकांत दुबे ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से महुआ की संसद सदस्यता खत्म करने और जांच की मांग की थी. स्पीकर ने ही जांच के लिए एथिक्स कमेटी बनाई है.

ADVERTISEMENT

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT