साप्ताहिक सभा: योगेंद्र यादव को लगता है कि BJP को बहुमत से रोक देगा INDIA, जानिए कैसे

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News Tak साप्ताहिक सभा: देश की सियासत में पिछले दिनों कई उलटफेर देखने को मिले. पहले नीतीश कुमार INDIA अलायंस का साथ छोड़ बीजेपी के NDA के साथ चले गए. फिर झारखंड में नेतृत्व परिवर्तन हो गया. पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी ने कांग्रेस से सीट शेयरिंग से इनकार कर दिया और अब राष्ट्रीय लोकदल(RLD) के नेता और देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने की घोषणा के बाद उत्तर प्रदेश में RLD के सुप्रीमो जयंत चौधरी के INDIA अलायंस का साथ छोड़ बीजेपी के साथ जाने की बातें चल रही है. हाल के इस घटनाक्रम को आगामी लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के नेतृत्व में बने विपक्षी गठबंधन INDIA के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. इस बार की न्यूज Tak की साप्ताहिक सभा में प्रोफेसर योगेंद्र यादव और ‘Tak’ क्लस्टर के मैनेजिंग एडिटर मिलिंद खांडेकर ने इसी मुद्दे पर बात की है. आइए समझते हैं कि लोकसभा चुनाव से पहले देश में हुए इन बड़े सियासी घटनाक्रमों का विपक्षी गठबंधन INDIA पर क्या असर पड़ेगा और साथ ही इसका क्या मतलब निकाला जा सकता है?

देश में हाल के दिनों में कई घटनाएं हुईं, वर्तमान सियासत को कैसे देखते हैं?

प्रोफेसर योगेंद्र यादव इस सवाल का जवाब पड़ोस के देश पाकिस्तान में हुए आम चुनाव में धांधली और नतीजों में उलटफेर का जिक्र करते हुए कहते हैं कि, पाकिस्तान में न्यायपालिका, चुनाव आयोग, राजनैतिक दलों और मीडिया के साथ जो हुआ है, मुझे लगता है कि हम भी उसी दिशा में जा रहे है क्योंकि हाल के दिनों में देश में जो भी डेवलपमेंट हुए वे सब हमें उसी direction में ले के जा रहा है. देश में चुनाव होने वाला है, सरकार दो टर्म यानी 10 साल पूरा कर चुकी है. सरकार को ये बतान चाहिए कि उसने क्या काम किया है. अपना रिपोर्ट कार्ड जनता के सामने रखना चाहिए. लेकिन हो इसके बिल्कुल उलट रहा है.

योगेंद्र यादव कहते हैं कि, जनता को अपने 10 सालों के कामकाज की रिपोर्ट देने की बजाय, 10 साल पहले जो सरकार थी उसने क्या काम किया इसपर रिपोर्ट दी जा रही है और पार्लियामेंट में तालियां बज रही है. सरकार अपनी पार्टी पर काम करने के बजाय विपक्षी पार्टियों का काम कर रही है. सरकार ED और CBI का इस्तेमाल कर पार्टियों और सरकारों को तोड़ने का काम कर रही है, चाहे वो झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार हो या दिल्ली में अरविन्द केजरीवाल की सरकार. केंद्र सरकार, राज्य सरकारों को पैसा नहीं दे रही है, ममता बनर्जी और सिद्धारमैया बार-बार यह सवाल उठा रहे हैं लेकिन इसपर कोई चर्चा नहीं कर रहा है. वहीं देश के प्रधानमंत्री इसे देश द्रोह करार दे रहे हैं और ये बता रहे हैं कि, सरकारें ऐसे नहीं चलती हैं. मुझे लगता है कि, देश में कोई कॉमेडी शो चल रहा है जो ट्रेजडी शो में परिवर्तित हो रहा है.

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देश में पार्टियों और गठबंधनों में जो तोड़-फोड़ चल रहा है इसका क्या मतलब निकलता है?

मिलिंद खांडेकर इसका जवाब देते हुए कहते हैं कि, कोई भी पार्टी की सरकार हो, तोड़-फोड़ तो हमें हमेशा देखने को मिलता ही रहा है, लेकिन ये विपक्ष की जिम्मेदारी है कि वो अपने अंदर ऐसा न होने दे. INDIA अलायंस के लिए मुझे ये एक बात लगती है कि, इसे सरकार के विरोध में विपक्ष के कई दलों को साथ लाते हुए खड़ा किया गया था, तो सरकार को ये नागवार गुजर रहा था. वर्तमान सरकार में जो पार्टी है वो इसे किसी भी तरह फेल करने की जुगत में लगी हुई थी और मुझे ऐसा लगता है कि वो अब सफल भी हो गई है. नीतीश कुमार छोड़कर चले गए है, ममता बनर्जी कह रही है कांग्रेस से कोई समझौता नहीं करेंगी, पंजाब में अरविन्द केजरीवाल कह रहे है हम थक गए है बात करके, तो सरकार ने भले ही ऐसा माहौल बना दिया है लेकिन इस ट्रैप में तो विपक्ष ही फंस रहा है और INDIA को नुकसान पहुंच रहा है.

INDIA के लिए सीट अडजस्टमेंट सबसे बड़ा लक्ष्य नहीं

योगेंद्र यादव ने एक सवाल के जवाब में कहा कि INDIA गठबंधन के लिए राज्यों में सीटों का एडजस्टमेंट बड़ा सवाल नहीं है. उन्होंने तमिलनाडु, महाराष्ट्र जैसी जगहों का उदाहरण दिया, जहां गठबंधन काम कर रहा है. साथ ही यह भी कहा कि केरल जैसी जगहों पर गठबंधन होना ही नहीं था. योगेंद्र यादव ने यह भी माना कि नीतीश कुमार के चले जाने की वजह से गठबंधन को नुकसान हुआ है. पश्चिम बंगाल को लेकर योगेंद्र यादव ने कहा कि पिछले चार-पांच दिनों से संयत बयान आ रहे हैं, जो इशारा कर रहे हैं कि ममता का मामला बिगड़ा नहीं है.

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क्या भाजपा-एनडीए को बहुमत से रोक पाएगा इंडिया गठबंधन?

योगेंद्र यादव से सवाल हुआ कि इंडिया गठबंधन इसलिए बना था कि वह बीजेपी-एनडीए को बहुमत से रोक पाए, पर अब तो ऐसा होता दिखता नहीं? योगेंद्र यादव ने कहा कि हमें जल्दबाजी में इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना चाहिए. अगर आप चुनावों के आंकड़ों को देखिए तो सच यह है कि बीजेपी के लिए आज भी ऐसा कोई राज्य नहीं है जहां पिछले चुनावों में वो बाहर थी और इस बार लड़ाई में है. देश में 120 सीटें ऐसी हैं, जहां बीजेपी का लगभग वजूद ही नहीं है. ऐसे किसी राज्य में बीजेपी को ब्रेकथ्रू नहीं मिला है, जैसा केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना. इसका मतलब यह है कि बाकी राज्यों में बीजेपी को 2019 की तुलना में अपनी पोजिशन इंप्रूव करनी है. इंप्रूव कैसे करेगी, कहां करेगी, ये समझ से परे है. गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली जैसे राज्यों में बीजेपी मैक्सिमम पर है.

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योगेंद्र यादव के मुताबिक कुछ राज्यों में बीजेपी का नुकसान तय है. जैसे पश्चिम बंगाल में अगर कांग्रेस और टीएमसी मिलकर चुनाव लड़ेंगे तो वहां बीजेपी की सीटें घटेंगी. बिहार में नीतीश कुमार के जाने के बावजूद एनडीए को नुकसान होगा. पिछली बार 40 में से 39 सीटें हैं उनके पास. पहले लगता था कि 40 में से महागठबंधन 30 सीटें ले जा सकता है. नीतीश कुमार के जाने के बाद नुकसान हुआ है, लेकिन बीजेपी फिर से नुकसान में रहेगी. महाराष्ट्र, कर्नाटक में नुकसान होगा. इन सीटों की भरपाई कहां से होगी? बीजेपी के पास इसका जवाब नहीं है.

इस साप्ताहिक चर्चा का पूरा वीडियो आप यहां देख सकते हैं

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