99 लाख कैश और कलेक्टर गौरव का नाम, बिहार चुनाव में कैश जब्ती से खुली फर्जी IAS की कुंडली, परतें इतनी की पुलिस भी चौंकी

Fake IAS Case: बिहार चुनाव में जब्त 99 लाख कैश से फर्जी IAS गौरव कुमार सिंह की असलियत खुल गई. उसका नाम ललित किशोर निकला, जिसने फर्जी डॉक्यूमेंट, AI से बने पेपर, सरकारी ठेकों का झांसा और करोड़ों की ठगी का बड़ा नेटवर्क खड़ा कर रखा था. गोरखपुर पुलिस की जांच में सामने आया है कि आरोपी का 4 राज्यों में नेटवर्क फैला हुआ है. आइए विस्तार से जानते है पूरा मामला.

Fake IAS Case
गोरखपुर से पकड़ा गया फर्जी IAS की कहानी आई सामने
social share
google news

हर एक इंसान की चाहत होती है कि वह जिंदगी में अच्छा करें और इसके लिए भी मेहनत भी करता है. कई बार लोगों को जल्द ही सफलता मिल जाती है तो कई बार लोगों को वक्त भी लगता है. तो कई लोग बीच राह में ही इन चीजों को छोड़ पैसों के पीछे पड़ जाते है और सीमाएं तक लांघ देते है. जैसे ही एक बार पैसे का स्वाद लोगों को चढ़ता है तो उन्हें फिर कुछ समझ नहीं आता है. यहां ये बातें इसलिए लिखी हुई है क्योंकि उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से एक फर्जी IAS पकड़ा गया है, जिसकी कहानी इससे मिलती-जुलती है. आइए इस खबर में जानते हैं सरकारी नौकरी की चाह रखने वाले इस शख्स के जिंदगी में ऐसा क्या हुआ कि उसने पूरी दिशा ही बदल दी.

पहले जानिए आखिर क्या कुछ है मामला?

गोरखपुर में यूपी के हत्थे एक ऐसा शख्स चढ़ा है जिसकी कहानी बड़ी ही अजीब है. युवक खुद को IAS बताता और अपना नाम बदल कर गौरव कुमार सिंह रख लिया. लेकिन जैसे ही पुलिस ने अपनी सख्ती दिखाते हुई पूछताछ की, वह टूट गया और उसने खुद ही अपने सारे-कारनामे पुलिस के सामने बता दिए. पुलिस भी इस केस में इतनी परतें देख चौंक गई. इससे भी बड़ी बात की शख्स ने अपने साले को ही अपना साथी बनाया और फिर जमकर ठगी की है. 

कैसा पकड़ा गया फर्जी IAS?

फर्जी IAS के पकड़ाने की कहानी भी किसी मूवी से कम नहीं लगती है. तो हुआ कुछ ऐसा कि पिछले महीने बिहार में चुनाव थे. इससे पहले ही आचार संहिता लग गई थी. इसी दौरान गोरखपुर  जीआरपी ने 99 लाख कैश पकड़े थे. पूछताछ करने पर पता चला कि यह पैसा बिहार चुनाव में जा रहा था और पकड़े गए शख्स ने बताया कि यह पैसा गोरखपुर में रहने वाले IAS गौरव कुमार सिंह का है. फिर क्या था गोरखपुर जीआरपी ने इस मामले की जानकारी पुलिस को दी और मामले की छानबीन की जाने लगी.

यह भी पढ़ें...

पुलिस ने सिलसिलेवार तरीके से जांच करना शुरू कर दिया और IAS गौरव कुमार सिंह के पीछे पड़ गई. जांच-पड़ताल हुई तो पता चला कि यह तो फर्जी IAS है और यूपी में भी अपना नेटवर्क फैला रखा है. यूपी में नेटवर्क फैलाने के लिए गोरखपुर के किसी परमानंद गुप्ता को सेट कर रखा है. इसके साथ ही गौरव सिंह का नेटवर्क बिहार, मध्य प्रदेश और झारखंड में भी फैला रखा है.

पकड़ाने पर खुला भेद

जैसे ही गोरखपुर पुलिस ने फर्जी IAS से सख्ती से पूछताछ की वह टूट गया. उसने अपने ही मुंह से सारी सच्चाई बताना शुरू कर दिया. पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक फर्जी IAS का असली नाम ललित किशोर है. वह बिहार के सीतामढ़ी जिले के मेहसौल का रहने वाला है. ललित किशोर बचपन से ही पढ़ाई में तेज था और सीतामढ़ी जिले से उनसे अपनी पढ़ाई-लिखाई की है. ललित के पिता चलितर राम पेंट-पॉलिश का काम करते थे और ललित ने उनसे यह काम भी सीख रखा है. ललित कई बार पेंट-पॉलिश का काम करने के लिए जाता भी था.

MSc की पढ़ाई और सिविल सर्विस की तैयारी

चूंकि ललित पढ़ने में अच्छा था तो उसने 2019 में मैथ में एमएससी की पढ़ाई भी पूरी कर ली. ललित का सपना था कि वह शिक्षा विभाग में डीआईओएस बने और वह उसके लिए तैयारी भी करता था. ललित ने 3 साल सिविल सर्विस की तैयारी भी की है. लेकिन हालात को देखते हुए उसने सीतामढ़ी में आदित्य सुपर 50 के नाम से एक कोचिंग खोला और साथ में अपनी तैयारी भी जारी रखा. ललित अपने कोचिंग में उन बच्चों को पढ़ाने लगा जो कि प्रत्योगी परीक्षाओं की तैयारी करते थे.

पैसों की लालच में फंसा

बच्चों को पढ़ाने के दौरान ललित को पैसों का लालच हुआ तो उसने अपने कोचिंग के ही एक स्टूडेंट को इसका शिकार बना लिया. ललित ने साल 2022 में पढ़ाने के दौरान एक स्टूडेंट को जॉब दिलाने की बात कही और इसके लिए 2 लाख रुपए डिमांड कर दिए. स्टूडेंट ने नौकरी की चाहत में पैसे भी दिए, लेकिन ललित नौकरी नहीं लगवा पाया. नौकरी नहीं लगने पर जब स्टूडेंट ने उससे पैसे मांगे तो पहले टाला और बाद में लौटा नहीं पाया. तब स्टूडेंट के परिजन ने उस पर केस दर्ज कराया और वह गिरफ्तार हो गया. हालांकि बाद में वह जमानत पर बाहर आया और फिर अचानक से अंडरग्राउंड हो गया.

सपना टूटा तो खुराफात में लगा दिमाग

अंडरग्राउंड रहने के दौरान ललित को एक लड़की से प्यार हो गया और दोनों ने मंदिर में जाकर शादी कर ली. एक तरफ शादी करने के बाद जिम्मेदारियां बढ़ गई और दूसरी तरफ ललित इस बात की टेंशन में था कि केस दर्ज होने के कारण अब सरकारी नौकरी का सपना टूट गया. जब पैसों की जरूरत पड़ी तो उसके दिमाग में खुराफात का नया आइडिया आया. उसने लोगों को नौकरी और सरकारी ठेका दिलाने के नाम पर पैसे ऐंठने शुरू कर दिए.

सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने दिया साथ

चूंकि ललित भी पढ़ा लिखा था तो उसे पता था कि धोखाधड़ी करना आसान काम नहीं है और इसके लिए उसे पार्टनर की जरूरत पड़ेगी. तो ललित ने अपने साले अभिषेक को अपने साथ जोड़ लिया. अभिषेक ने सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रखी थी, जिसकी वजह से उसे भी अच्छी नॉलेज थी. ललित और अभिषेक ने इस धोखाधड़ी को और बड़े पैमाने पर करने के लिए एक प्लान बनाया. अभिषेक ने पहले ललित किशोर का नाम बदला और गौरव कुमार सिंह किया, फिर इसी नाम से नेम प्लेट, फर्जी डॉक्यूमेंट्स और फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट भी बनाए. 

ललित ने IAS के तौर पर अपनी भौकाली दिखाने के लिए लाखों रुपए खर्च भी किए. वह जब भी चलता था तो अच्छी-खासी संख्या में गाड़ियां उसके साथ चलती, जिससे की लोगों के बीच उसका अपना दबदबा बना हुआ था.

लोगों को देता था फर्जी पेपर

ललित ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह बड़े-बड़े बिल्डरों और कारोबारियों को सरकारी ठेका दिलवाने के नाम पर ठगी करता था. वह उनके साथ पहले पैसों की डील करता और डील हो जाने के बाद AI से फर्जी पेपर तैयार कर उन्हें दे देता था. इसी तरह उसने करोड़ों रुपए अलग-अलग लोगों से ठग लिया था. उसने बताया कि उसने एक कारोबारी को 450 करोड़ का टेंडर दिलाने के नाम पर उससे 5 करोड़ कैश और 2 इनोवा कार रिश्वत में ली थी. ललित इन्हीं इनोवा कार से घूमता भी था.

ललित के फोन ने खोले कई राज

पुलिस पूछताछ में ललित ने बताया कि फेक सोशल मीडिया प्रोफाइल से उसने कई लड़कियों से बातचीत भी की. इस दौरान उसने 4 गर्लफ्रेंड भी बनाई. पुलिस ने जब ललित का फोन खंगाला तो और चौंकाने वाले खुलासे हुए. पुलिस को ललित के फोन में लड़कियों के साथ लंबी-लंबी चैट मिली है और इन चैट से पता चला की 4 में से 3 गर्लफ्रेंड इस वक्त प्रेंग्नेंट भी है. चौंकाने वाली बात यह भी है कि ललित के शादीशुदा होने वाली बात उन्हें पता नहीं थी और वे तीनों ही ललित से प्यार करती थी.

एक बार SDM को ही जड़ दिया था थप्पड़

ललित से जुड़ी एक और कहानी सामने आई है. ललित सफेद इनोवा कार में लाल-नीली बत्ती लगाकर हर जगह जाया करता था. एक बार वह इसी गाड़ी से बिहार के भागलपुर गांव का दौरा करने पहुंचा था, तभी उसका असली SDM से आमना-सामना हो गया. बातचीत में SDM ने ललित से उसका बैच और रैंक को लेकर सवाल किया तो ललित ने वहीं एक थप्पड़ जड़ दिया. लेकिन इससे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह है कि उस SDM ने इस मामले की कही शिकायत भी नहीं की.

यूपी पुलिस मामले की जांच में जुटी

इस मामले में गोरखपुर के एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने बताया कि गौरव उर्फ ललित एक बड़े नेटवर्क में काम कर रहा था. जांच के दौरन कई नए खुलासे हुए है और आगे की कई खुलासों की उम्मीद है. आरोपी के मोबाइल फोन और दस्तावेज से भी कई फैक्ट सामने आए है, और हम इस पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ करने के लिए जांच कर रहे है. साथ ही यूपी पुलिस ने बिहार और मध्य प्रदेश पुलिस से भी संपर्क किया है ताकि और जानकारी जुटाई जा सकें.

यहां देखें एसपी सिटी अभिनव का बयान

यह खबर भी पढ़ें: काैन हैं लखनऊ की मेनका सोनी, जिन्होंने अमेरिका में जीता काउंसिल का चुनाव, भगवद गीता हाथ में लेकर ली शपथ

    follow on google news