उत्तरकाशी: आखिर कैसे हुई पत्रकार राजीव प्रताप की मौत? पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आई ये वजह
उत्तरकाशी के पत्रकार राजीव प्रताप की रहस्यमय मौत ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है. 10 दिन बाद उनका शव बैराज से मिला. इस बीच अब उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह सीने और पेट के हिस्से में अंदरूनी चोटों को बताया गया है.

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में स्वतंत्र पत्रकार राजीव प्रताप सिंह (Rajiv Pratap Journalist) की रहस्यमय मौत ने प्रदेश से लेकर पत्रकारिता जगत तक को सकते में डाल दिया है. 36 वर्षिय राजीव का शव 10 दिनों के बाद उत्तरकाशी के जोशियाड़ा बैराज से बरामद किया गया. अब इस मामले में राजीव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई है. रिपोर्ट में बताया गया है कि उनकी मौत सीने और पेट में लगी चोटों की वजह से हुई. डॉक्टरों के अनुसार ऐसी चोटें दुर्घटनाओं के दौरान लगती हैं. वहीं, मामले में पुलिस ने राजीव की मौत से पहले का पूरा घटनाक्रम बताया है.मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने निष्पक्ष जांच की मांग की है.
पुलिस ने क्या बताया?
पुलिस ने अनुसार, राजीव प्रताप के लापता होने की रिपोर्ट 19 सितंबर 2025 को उत्तरकाशी में दर्ज हुई थी. इसके बाद जांच शुरू की गई. मामले में कई सीसीटीवी देखें गए. एक फुटेज में दिखा की राजीव 18 सितंबर 2025 की रात करीब 11:20 बजे उत्तरकाशी बस अड्डे पर थे. इसके बाद वे लगभग 11:38 बजे गंगोरी पुल पार करते दिखे. रात 10:24 बजे उन्हें बस स्टेशन के चौहान होटल में अपने दोस्त के साथ देखा गया था और 11:22 बजे वो दोस्त की कार उजेली की ओर अकेले ड्राइव करते हुए दिखाई दिए. इसके बाद रात 11:39 बजे उनकी कार गंगोरी पुल को पार कर गई. फिर अगले दिन यानी 19 सितंबर 2025 को उनकी कार गंगोरी के नजदीक स्थित स्यूणा गांव के पास भागीरथी नदी में 50-55 मीटर नीचे दुर्घटनाग्रस्त हालत में मिली. पुलिस के अनुसार, उनकी गाड़ी जहां गिरी वहां कोई क्रैश बैरियर नहीं था.
ऑन कंडीशन में थी कार
पुलिस ने बताया कि उनकी कार दुर्घटनास्थल से करीब 300 मीटर आगे बह कर चली गई थी. कार को 20 सितंबर 2025 को नदी से बाहर निकाला गया. इस दौरान जब उसे पुलिस और एसडीआरएफ की टीम ने चेक कियातो उसमें कोई नहीं मिला. राजीव के परिजनों भी वहीं मौजूद थे. कार में सिर्फ राजीव की एक चप्पल मिली. पुलिस के अनुसार राजीव की कार मे चाबी लगी हुई थी जो ऑन कंडीशन में थी.
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परिवार ने जताई थी किडनैप की आशंका
कार मिलने के बाद राजीव के परिजनों ने उनके किडनैप होने की आशंका जताई. ऐसे में पुलिस ने मामले को अपहरण के मुकदमे में बदल दिया. इसके बाद राजीव की तलाश के लिए पुलिस ने डॉग स्क्वॉड और ड्रोन कैमरा की मदद की. इस बीच 28 सितंबर 2025 को एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम को एक शव जोशियाडा बैराज में मिला. परिजनों को शव की पहचान के लिए बुलाया गया तो उन्होंने बॉडी राजीव के हाने की पुष्टी की. इसके बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
पाेस्टामार्टम रिपोर्ट में क्या निकला?
राजीव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डॉक्टरों ने बताया कि राजीव के शव पर मारपीट से संबंधित कोई निशान नहीं पाए गए हैं. उनकी मौत सीने और पेट के हिस्से में अंदरूनी चोटें लगने के कारण हुई. डॉक्टरों के अनुसार ऐसी चोटें दुर्घटनाओं के दौरान लगती है. उन्होंने अंदेशा जताया कि संभव है उनकी मृत्यु इसी से हुई हो.
राहुल गांधी ने जताया दुख
अब इस मामले में कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी दुख जताया और परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं. उन्हाेंने साेशल मीडिया प्लेफार्म एक्स पर लिखा, उत्तराखंड के युवा पत्रकार राजीव प्रताप जी का लापता होना और फिर मृत पाया जाना सिर्फ दुखद नहीं, भयावह है. इस मुश्किल वक्त में शोकाकुल परिवार को अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं और उनके साथ खड़ा हूं." आगे राहुल गांधी ने BJP पर निशान साधा और राजीव की मौत की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की मांग की, ताकि पीड़ित परिवार को बिना देरी के न्याय मिल सके.

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