कौन है पूर्व केंद्रीय मंत्री आर.के.सिंह, जिनके बागी तेवर से एनडीए की बढ़ गई टेंशन? जानें पूरा मामला

Bihar elections 2025: पूर्व केंद्रीय मंत्री आर.के. सिंह के बागी तेवर से एनडीए में हलचल, सम्राट चौधरी और दिलीप जायसवाल पर गंभीर सवाल, चुनावी समीकरण बदल सकते हैं.

Former Union Minister RK Singh questions NDA leaders before Bihar elections 2025
बिहार चुनाव से पहले आर.के.सिंह ने दिखाए बागी तेवर
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बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले, बिहार की राजनीति में एक बार फिर बड़ा घमासान मचा हुआ है. पूर्व केंद्रीय मंत्री और आरा के पूर्व सांसद आर.के. सिंह ने अपनी ही पार्टी के नेताओं के खिलाफ बागी तेवर अपना लिए हैं और उन पर लगे आरोपों पर सार्वजनिक रूप से सफाई मांगी है. उन्होंने सम्राट चौधरी और दिलीप जायसवाल पर प्रशांत किशोर द्वारा लगाए गए आरोपों पर कहा कि 'दोनों नेताओं को बताना चाहिए कि उनके ऊपर लगाए गए आरोपों में कितनी सच्चाई है.' उनके इस बयान ने एनडीए गठबंधन में हलचल मचा दी है. आइए जानते है पूरी कहानी.

एनडीए के बड़े नेताओं पर सवाल

आर.के. सिंह ने जन सुराज के प्रमुख प्रशांत किशोर (पीके) द्वारा लगाए गए आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल और मंत्री अशोक चौधरी को इन गंभीर आरोपों पर अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिएय उन्होंने विशेष रूप से सम्राट चौधरी से अपनी डिग्री सार्वजनिक करने और दिलीप जायसवाल से कॉलेज 'हड़पने' के आरोपों पर सफाई देने की मांग की. अशोक चौधरी से भी 200 करोड़ की संपत्ति अर्जित करने के आरोप पर जवाब मांगा गया है.

आर.के. सिंह ने साफ किया कि उनका जन सुराज में जाने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन पीके के आरोपों से एनडीए की छवि को पहले ही नुकसान हो रहा है. उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बीजेपी आलाकमान से भी इन नेताओं से जवाब मांगने की अपील की.

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पवन सिंह और टिकट पर फूटा गुस्सा

आर.के. सिंह ने सिर्फ आरोपों पर ही सवाल नहीं उठाए, बल्कि अपने पुराने गिले-शिकवे भी सार्वजनिक कर दिए. उन्होंने पवन सिंह के काराकाट से निर्दलीय चुनाव लड़ने के पीछे अपनी ही पार्टी के नेताओं का हाथ होने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, 'हमारी पार्टी के नेताओं ने पैसा देकर पवन सिंह को चुनाव लड़ने को कहा.'

उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव में आरा से अपनी हार का जिक्र करते हुए कहा कि अगर उन्हें हराने वाले 'अपनों' को 2025 के विधानसभा चुनाव में फिर से टिकट मिला, तो वह खुलकर गठबंधन के खिलाफ प्रचार करेंगे. उन्होंने कहा, अगर 'पीठ में छुरा घोंपने वालों' को टिकट दिया गया तो मैं विरोध करूंगा.

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आर.के. सिंह का राजनीतिक परिचय

बिहार के वैश्य समाज में मजबूत पकड़ रखने वाले आर.के. सिंह ने एक नौकरशाह के रूप में अपनी पहचान बनाई. उन्होंने लालकृष्ण आडवाणी की रथयात्रा को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. वह बिहार के कई जिलों में डीएम रहे और केंद्रीय गृह सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए. राजनीति में आने के बाद वह 2014 और 2019 में आरा से सांसद चुने गए.

उन्होंने 2017 से 2021 तक केंद्रीय मंत्री के रूप में बिजली विभाग की जिम्मेदारी संभाली. 2019 का लोकसभा चुनाव जीतने के बाद उन्हें 7 जुलाई 2021 को कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिला लेकिन 2024 में वह सीपीआई(एमएल)(एल) के सुदामा प्रसाद से चुनाव हार गए. साथ ही बिहार की सड़कों के कायाकल्प का श्रेय भी आरके सिंह को जाता है.

आगामी चुनाव पर असर

आर.के. सिंह का यह बयान ऐसे समय में आया है जब पीके लगातार एनडीए नेताओं पर हमले कर रहे हैं. भाजपा के एक वरिष्ठ नेता द्वारा अपनी ही पार्टी पर सवाल उठाने से आरजेडी और कांग्रेस जैसे विपक्षी दलों को एक बड़ा मौका मिल गया है. तेजस्वी यादव जैसे नेता इस मुद्दे को भुनाकर भाजपा के 'भ्रष्टाचार-विरोधी' अभियान पर हमला कर सकते हैं, जो आगामी चुनावों में एनडीए के लिए बड़ी मुसीबत बन सकता है.

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