सुकमा: कुख्यात नक्सली कमांडर हिड़मा पत्नी समेत मारा गया, कई बड़े नक्सल अटैक का था मास्टरमाइंड
Naxali Commander Encounter: छत्तीसगढ़-आंध्र प्रदेश ब़ॉर्डर पर सुरक्षा बलों की बड़ी कार्रवाई में कुख्यात नक्सली कमांडर मदवी हिड़मा अपनी पत्नी समेत मार गिराया गया. हिड़मा दरभा घाटी नरसंहार, सुकमा हमले समेत कई बड़े नक्सली हमलों का मास्टरमाइंड था. मुठभेड़ में कुल छह माओवादी ढेर हुए और ऑपरेशन अभी भी जारी है.

छत्तीसगढ़ से एक बड़ी खबर सामने आई है. कुख्यात नक्सली कमांडर माडवी हिडमा सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया है. हिडमा के साथ-साथ उसकी पत्नी राजे और चार अन्य साथी मारे गए है. मंगलवार सुबह छत्तीसगढ़-आंध्र प्रदेश के बॉर्डर पर अल्लूरी सीतारामराजू जिले के मारेदुमिल्ली जंगल में यह कार्रवाई हुई. छत्तीसगढ़ पुलिस ने इस सफलता को उग्रवाद के 'ताबूत में आखिरी कील' बताया. मारा गया कुख्यात माओवादी कमांडर हिड़मा 2013 के दरभा घाटी नरसंहार और 2017 सुकमा हमले सहित लगभग 26 हमलों के लिए जिम्मेदार था और लंबे समय से सुरक्षा बलों की रडार पर था.
ये 6 माओवादी मारे गए
- छत्तीसगढ़-आंध्र प्रदेश के बॉर्डर पर हुए मुठभेड़ में सुरक्षाबलों को 2 AK-47, 1 रिवॉल्वर और 1 पिस्टल मिला है. मारे गए 6 माओवादी के नाम है:
- 1. हिड़मा
- 2. मदगाम राजे(हिड़मा की पत्नी)
- 3. लकमल
- 4. कमलू
- 5. मल्ला
- 6. देवे(हिड़मा का गार्ड)
सुरक्षाबलों के निशाने पर था हिडमा
बीते कुछ सप्ताह से, AP SIB और इंटेलिजेंस इनपुट्स के आधार पर आंध्र प्रदेश-छत्तीसगढ़-ओडिशा बॉर्डर के आस-पास नक्सलियों के मूवमेंट का इशारा मिला. इसी के आधार पर ऑपरेशन किया गया और सुरक्षाबलों को कामयाबी मिली और कुख्यात माओवादी मारे गए. वहीं लंबे समय से हिडमा सुरक्षाबलों के रडार पर था और वे उसके पीछे लगे हुए थे.
कौन था हिडमा?
हिडमा का जन्म 1981 में पूवर्ति, सुकमा में हुआ था. उनका असली नाम संतोष है. 1990 के दशक के अंत में वह माओवादी संगठन से जुडें और फिर धीरे-धीरे घातक साबित हुए. 2010 में ताड़मेटला हमले के बाद वह पहली बार सुरक्षा एजेंसियों के निशाने पर आया, जिसमें की 76 सुरक्षाकर्मी मारे गए थे. फिर उसके बाद से बस्तर में सुरक्षा बलों पर हर बड़े हमले में उसका नाम सामने आने लगा.
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पीटीआई के रिपोर्ट के मुताबिक हिडमा गुरिल्ला युद्ध में काफी माहिर था और वह AK-47 राइफल रखने के लिए जाना जाता था. हिडमा की विशाल टुकड़ी आधुनिक हथियारों के साथ घूमते थे और कहा जाता है कि वह जंगल के अंदर वह चार लेवल/स्तरीय सुरक्षा घेरे में रहता था. यहीं वजह थी कि वह कथित तौर पर वर्षों तक लापता रहा.
अमित शाह ने सुरक्षाबलों को दी बधाई
गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सलियों के सफाया के लिए चलाए गए ऑपरेशन के तहत सुरक्षाबलों को 30 नवंबर तक मार गिराने की डेडलाइन दी थी. इसी बीच आज यानी 18 नवंबर को ही हिड़मा को मार गिराया गया जिसके बाद गृह मंत्री ने इस ऑपरेशन में शामिल सभी सुरक्षा बलों को बधाई दी है.










