क्लास में कपड़े बदल रही थी छात्राएं और ABVP के कार्यकर्ता खिड़की से उनका वीडियो बनाते धरे गए !

मंदसौर के सरकारी कॉलेज में कार्यक्रम के दौरान कपड़े बदलती छात्राओं का वीडियो बनाते एबीवीपी से जुड़े तीन युवक गिरफ्तार हुए। कॉलेज प्रशासन की सतर्कता और सीसीटीवी फुटेज की मदद से मामला उजागर हुआ.

एमपी का मंदसौर जिला
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एमपी के मंदसौर जिले के भानपुरा क्षेत्र में यशवंतराव होलकर नाम का एक सरकारी महाविद्यालय है. इस विश्वविजद्यालय में आयोजित युवा उत्सव कार्यक्रम के दौरान शर्मनाक घटना सामने आई है. 

दरअसल चार युवकों ने कपड़े बदलती लड़कियों का चुपके से वीडियो बना लिया. यह घटना कॉलेज परिसर में ही हुई, जब छात्राएं कार्यक्रम की प्रस्तुति से पहले कमरे में कपड़े बदल रही थीं.

कमरे में कपड़े बदलने गई थी छात्राएं 

बताया जा रहा है कि कपड़े बदलने के लिए छात्राएं एक कमरे में गई थीं, जहां बाहर पहले से घात लगाए बैठे एबीवीपी से जुड़े चार युवकों ने कमरे के रोशनदान से मोबाइल कैमरे के जरिए वीडियो और फोटो लिए. छात्राओं को जब शक हुआ कि कोई उनकी फोटो ले रहा है तो उन्होंने बाहर आकर देखा, लेकिन तब तक चारों युवक वहां से जा चुके थे.

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घटना की जानकारी तुरंत कॉलेज की प्रभारी प्रिंसिपल को दी गई, जिन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए सीसीटीवी फुटेज की जांच करवाई. फुटेज में चारों युवक संदिग्ध गतिविधि करते हुए साफ नजर आ रहे हैं. इनमें से कुछ एक-दूसरे के ऊपर चढ़कर रोशनदान से झांकते दिखे.

प्रभारी प्रिंसिपल ने तुरंत थाने में लिखित शिकायत दी. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए एबीवीपी के तीन छात्रों नगर मंत्री उमेश जोशी, सह महाविद्यालय प्रमुख अजय गड और कार्यकर्ता हिमांशु बैरागी को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि चौथा आरोपी अभी फरार है.

चारो युवको की हुई गिरफ्तार

थाना प्रभारी ने बताया कि ये मामला कॉलेज के एनुअल फेस्टिवल के दौरान का है. सीसीटीवी की पुष्टि के आधार पर चारों युवकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है और तीन को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. चौथे की तलाश जारी है. पुलिस ने यह भी बताया कि मामला आईपीसी की धाराओं और आईटी एक्ट के तहत दर्ज किया गया है.

इधर, एनएसयूआई ने घटना की कड़ी निंदा की है और आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है. वहीं, एबीवीपी ने भी अपनी जिला समिति के स्तर पर जांच शुरू कर दी है.

इस पूरे घटनाक्रम ने न सिर्फ कॉलेज की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि छात्राओं की गरिमा और मानसिक सुरक्षा को भी ठेस पहुंचाई है.

आशंका जताई जा रही है कि अगर ये फोटो या वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए, तो इससे छात्राओं को मानसिक आघात लग सकता है. कॉलेज प्रशासन ने कहा है कि वे पूरी गंभीरता से इस मामले को देख रहे हैं और छात्राओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी.

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