गुना में हुए बवाल पर दिग्विजय सिंह ने दी कड़ी प्रतिक्रिया, बीजेपी पार्षद पर FIR से हो गया बड़ा खुलासा
Guna Violence: मध्य प्रदेश के गुना में हनुमान जयंती के मौके पर निकले जुलूस में हुए बवाल ने जिले की शांति को हिला दिया. पुलिस की एफआईआर में बीजेपी पार्षद को दोषी ठहराया गया है जिसके एक बड़ा खुलासा हुआ है.
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Guna Violence: मध्य प्रदेश के गुना जिले में हनुमान जयंती पर निकाले गए धार्मिक जुलूस के दौरान हुई हिंसा ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया है. घटना के बाद इलाके में शांति तो है, लेकिन समाज में खामोश डर अब भी बना हुआ है. पुलिस ने अब तक जो जांच की है, उसके मुताबिक इस हिंसा के पीछे चौंकाने वाले कारण सामने आए हैं.
एफआईआर में हुआ पूरा खुलासा
इस मामले में सबसे अहम मोड़ तब आया जब खुद मध्य प्रदेश पुलिस के एक जवान ने इस घटना को लेकर एफआईआर दर्ज कराई. एफआईआर के अनुसार, बीजेपी पार्षद ओमप्रकाश उर्फ गब्बर कुशवाह और उसके साथियों ने बिना अनुमति के मस्जिद के सामने डीजे बजाया और कथित तौर पर धार्मिक भावनाएं भड़काने वाले नारे लगाए. इसके बाद पथराव शुरू हो गया, जिससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई. घटना को लेकर दो और एफआईआर दर्ज की गई हैं. एक इरफान नामक व्यक्ति की ओर से और दूसरी पुलिसकर्मी महेश की ओर से. महेश ने बताया कि 12 अप्रैल को उसे सूचना मिली कि कोल्हूपुरा से हनुमान जयंती का जुलूस कर्नलगंज होकर गुजरेगा. जब वह मौके पर पहुंचा, तो वहां पहले से भारी पुलिस बल तैनात था. लेकिन जुलूस के आयोजकों ने न तो अनुमति ली थी और न ही पुलिस के निर्देश माने. इसके बाद ही स्थिति बेकाबू हो गई.
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38 लोगों पर दर्ज हुई एफआईआर
पुलिस ने अब तक एक समुदाय के 19 लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि दूसरे पक्ष के चार नामजद और 15 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. लेकिन अभी तक दूसरे पक्ष से किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार, संवेदनशील इलाकों से जुलूस नहीं निकाले जाने चाहिए. लेकिन जानबूझकर ऐसी जगहों को चुना जाता है ताकि टकराव हो.
प्रशासन लगातार कर रहा गश्ती
घटना के तुरंत बाद प्रशासन सक्रिय हुआ. कलेक्टर और एसपी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और हालात को नियंत्रित किया. इसके बावजूद, इस घटना ने इलाके के सामाजिक ताने-बाने को गहरा नुकसान पहुंचाया है. स्थानीय लोगों में डर और अविश्वास अब भी बना हुआ है. वे मानते हैं कि इस टूटे रिश्ते को दोबारा जोड़ने में वक्त लगेगा.
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