पहले की प्लानिंग, फिर बेटी के सिर में दाग दी गोली... नवरात्रि के बीच मुरैना में पिता ने ही कर दी 19 साल की बेटी की हत्या
नवरात्रि के दौरान मुरैना में एक पिता ने प्रेम प्रसंग से नाराज़ होकर 19 साल की बेटी दिव्या की गोली मारकर हत्या कर दी. पुलिस ने मामले का खुलासा कर पिता समेत कई आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जांच जारी है.

नवरात्रि के पावन अवसर पर जब पूरा देश बेटियों को देवी मानकर पूजा जा रहा था, उसी वक्त मुरैना जिले में एक 19 साल की मासूम बेटी की बेरहमी से हत्या कर दी गई. चौंकाने वाली बात ये है कि इस हत्या को अंजाम देने वाला कोई और नहीं बल्कि खुद उसका पिता ही था.
घटना मुरैना के सिविल लाइन थाना क्षेत्र की है. 23 और 24 सितंबर की दरमियानी रात को दिव्या सिकरवार अपने घर पर थी. उसने नवरात्रि का व्रत रखा हुआ था और घर के बाहर तेज़ डीजे की आवाज गूंज रही थी. उसी शोर के बीच घर के अंदर एक रिश्ता खून से रंग गया.
पुलिस के मुताबिक, दिव्या के पिता बंटू सिकरवार को उसकी एक लड़के से चल रहे प्रेम-प्रसंग पर आपत्ति थी. वो बेटी को कई बार समझा चुका था लेकिन जब बात उसकी सोच के खिलाफ जाने लगी, तो उसने बेहद खौफनाक कदम उठाया. पिता ने पहले प्लानिंग की और फिर बेटी के सिर में गोली मार दी. इसके बाद लाश को बोरी में भरकर अपने ही रिश्तेदारों की मदद से कुंवारी नदी में फेंक दिया.
यह भी पढ़ें...
अंजान कॉल से हुआ खुलासा
इस पूरी वारदात का खुलासा एक अनजान कॉल से हुआ, जिसमें पुलिस कंट्रोल रूम को जानकारी दी गई कि दिव्या की हत्या कर दी गई है और उसका शव नदी में फेंका गया है. सूचना मिलते ही पुलिस हरकत में आई और घंटों की तलाश के बाद आखिरकार नदी किनारे एक बोरी में दिव्या की लाश बरामद हुई.
पुलिस जब दिव्या के घर पहुंची और उसके पिता से पूछताछ शुरू की, तो शुरुआत में वह सभी आरोपों से मुकर गया, लेकिन जब पुलिस ने सख्ती दिखाई, तो उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया. पूछताछ में पता चला कि हत्या में इस्तेमाल की गई पिस्तौल उसके बेटे की थी, जो आर्मी में है और घर पर ही रखी हुई थी.
इस मामले में दिव्या के माता-पिता समेत कुल 11 नामजद और 12 अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या और सबूत मिटाने की धाराओं में केस दर्ज किया गया है. फिलहाल दो आरोपियों को पुलिस ने हिरासत में लिया है और जांच जारी है.
प्रेम संबंधों के चलते कर दी हत्या
पुलिस का कहना है कि दिव्या की हत्या प्रेम संबंधों के चलते पिता द्वारा की गई. हत्या के बाद शव को नदी में फेंकने और सबूत मिटाने में रिश्तेदारों ने भी मदद की, जिसके चलते उन्हें भी आरोपी बनाया गया है.
इस दिल को झकझोर देने वाली घटना ने समाज को एक कड़वा आईना दिखाया है. जब देश में बेटियों को देवी का दर्जा दिया जा रहा था, तब एक पिता ने अपनी ही बेटी की जान ले ली, वो भी सिर्फ इसलिए क्योंकि उसे उसका प्रेम पसंद नहीं था.
यह घटना हमें सोचने पर मजबूर करती है कि सिर्फ रीति-रिवाजों और त्योहारों में बेटियों की पूजा करना काफी नहीं है. जरूरी है कि उन्हें जीने का अधिकार, प्यार करने की आज़ादी और सम्मान भी मिले. समाज को ये समझना होगा कि बेटियां सिर्फ पूजा की वस्तु नहीं, इंसान हैं जिनकी जिंदगी की हिफाज़त हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है.
ये भी पढ़ें: MP: छिंदवाड़ा में बच्चों को जहरीली कफ सिरप पिलाने वाला डॉक्टर गिरफ्तार, कंपनी पर केस दर्ज