MP: छिंदवाड़ा में बच्चों को जहरीली कफ सिरप पिलाने वाला डॉक्टर गिरफ्तार, कंपनी पर केस दर्ज

छिंदवाड़ा में जहरीली कफ सिरप पीने से 10 बच्चों की मौत हो गई, डॉक्टर और कंपनी पर केस दर्ज हुआ है। राज्य सरकार ने सिरप की बिक्री पर रोक लगाई और मामले की जांच शुरू कर दी है.

गिरफ्तारी के बाद डॉ. प्रवीण सोनी. (Photo: Ravish Pal Singh/ITG)
गिरफ्तारी के बाद डॉ. प्रवीण सोनी. (Photo: Ravish Pal Singh/ITG)
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एमपी के छिंदवाड़ा में जहरीली कफ सिरप पीने से 10 बच्चों की जान जाने के मामले में प्रशासन ने सख्त एक्शन लिया है. दरअसल शनिवार देर रात डॉक्टर प्रवीण सोनी को गिरफ्तार कर लिया. ये वही डॉक्टर है जिनपर बच्चों को यह कफ सिरप लिखने का आरोप लगाया गया है. इसी डॉक्टर के लिकें सिरप पीने से पिछले कुछ दिनों में कई बच्चों की मौत हो गई है.

क्या था मामला?

7 सितंबर से छिंदवाड़ा जिले के कई बच्चों में अचानक किडनी फेलियर के मामले सामने आने लगे. जब इस घटना की जांच हुई तो पता चला कि इन बच्चों को ‘कोल्ड्रिफ’ नाम की कफ सिरप दी गई थी. 

इतना ही नहीं जब सिरप की लैब जांच रिपोर्ट सामने आई तो पता चला कि इसमें डायएथिलीन ग्लाइकोल नामक जहरीले केमिकल की मात्रा 48.6% तक पाई गई, जो बेहद खतरनाक होती है और सीधे शरीर के अंगों को नुकसान पहुंचा सकती है.

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डॉक्टर और कंपनी पर केस दर्ज

डॉक्टर प्रवीण सोनी और कोल्ड्रिफ सिरप बनाने वाली कंपनी Sresun Pharmaceutical के खिलाफ पुलिस ने गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया है. इनमें ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट की धारा 27(A) और भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 105 और 276 शामिल हैं. शिकायत परासिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) के बीएमओ डॉ. अंकित सहलाम ने की थी.

पूरे MP में बैन

बता दें कि यह जहरीली कफ सिरप तमिलनाडु के कांचीपुरम जिले की एक फैक्ट्री में बनाई गई थी. वहीं इस मामले की गंभीरता को देखते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने इस सिरप की पूरे राज्य में बिक्री पर रोक लगा दी है. साथ ही, कंपनी के बाकी उत्पादों की भी जांच की जा रही है.

सीएम ने सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस मामले पर कहा कि बच्चों की मौत बेहद दुखद है और इस मामले में कोई भी दोषी बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने जानकारी दी कि एक राज्य स्तरीय जांच टीम गठित कर दी गई है और तमिलनाडु सरकार से भी सहयोग मांगा गया है.

मुआवजे पर सियासत गरमाई

इतना ही नहीं सरकार ने मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है, लेकिन कांग्रेस नेता कमलनाथ ने इसे नाकाफी बताते हुए 50-50 लाख रुपये की मदद की मांग की है. उन्होंने कहा कि ये केवल एक हादसा नहीं, बल्कि एक मानव निर्मित त्रासदी है. 

कांग्रेस नेता कमलनाथ का ये भी कहना है कि राज्य में नकली और जहरीली दवाओं की बिक्री पर रोक लगाने में प्रशासन पूरी तरह फेल रहा है. उनकी मांग है कि पूरे राज्य में नकली दवाओं के खिलाफ एक बड़ा अभियान चलाया जाए.

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