उत्तरकाशी में फंसे मजदूरों की रेस्क्यू में लगाई गई अमेरिकी मशीन, ऑगर है नाम जानिए इसका काम
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में चारधाम प्रोजेक्ट के तहत बन रही सिल्क्यार-डुंडलगांव सुरंग में 40 मजदूर चार दिन से फंसे हैं. यह दुर्घटना दिवाली वाले दिन हुई थी. तब से लगातार प्रशासन सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने की कोशिश में लगा है.
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![उत्तरकाशी में फंसे मजदूरों की रेस्क्यू में लगाई गई अमेरिकी मशीन, ऑगर है नाम जानिए इसका काम उत्तराखंड के उत्तरकाशी में चारधाम हाईवे प्रोजेक्ट के तहत बन रही सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए अब अमेरिकी मशीन की मदद ली जा रही है.](https://akm-img-a-in.tosshub.com/lingo/nwtak/images/story/202311/untitled-design-12-1024x576.png?size=948:533)
Uttarakhand Tunnel Incident: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में चारधाम प्रोजेक्ट के तहत बन रही सिल्क्यार-डुंडलगांव सुरंग में 40 मजदूर चार दिन से फंसे हैं. यह दुर्घटना दिवाली वाले दिन हुई थी. तब से लगातार प्रशासन सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने की कोशिश में लगा है. लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिल पाई है. NDRF और SDRF की टीमें भी लगातार कोशिशें कर रही हैं. सरकार थाईलैंड और नॉर्वे की मदद भी मांग चुकी है. अब सुंरग से मजदूरों को बाहर निकालने के लिए अमेरिका की ऑगर मशीन मंगाई गई है.
क्या है यह और क्यों पड़ी इसकी जरूरत
दुर्घटना स्थल पर सबसे पहले पहुंची रेस्क्यू टीम ने मलबा हटाने की कोशिश की थी. उनके असफल होने पर ड्रिलिंग मशीनें और हाईड्रोलिक टेक्नोलॉजी का उपयोग कर मलबे के बीच में से 35 इंची स्टील पाइप डालकर मजदूरों को बाहर निकालने की योजना थी. यह प्लान भी सफल नहीं हो सका.
अब सरकार ने अमेरिका में बनी हैवी ऑगर मशीन को मजदूरों को जल्द से जल्द बाहर निकालने के लिए लगाया है. ऑगर मशीन भी एक ड्रिलिंग मशीन ही है. लेकिन इससे पहले आई ड्रिलिंग मशीनों से ज्यादा ताकतवर है. ऑगर ड्रिलिंग मशीन खेती में उपयोग होने वाले हैरो की तरह काम करती है. हैरो जिस तरह खेत में ट्रैक्टर के खींचने पर आगे बढ़ते हुए मिट्टी को पीछे फेंकता चला जाता है, उसी तरह ऑगर मशीन भी काम करती है.
यह मशीन 1 घंटे में 5 मीटर ड्रिल करने की क्षमता रखती है. रास्ते में हैवी या बड़ी चट्टान आने पर इसकी स्पीड कम करनी पड़ती है. जिससे कि सुरंग में ऊपर से और मलबा गिरने से रोका जा सके. सुरंग में कुल 60 मीटर ड्रिल किया जाना है. ऑगर मशीन 16 नवंबर यानी गुरुवार की आधी रात 12 बजे से काम कर रही है. 17 नवंबर शुक्रवार दिन 12 बजे तक मशीन कुल 30 मीटर से भी अधिक ड्रिलिंग कर चुकी है.
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हैवी ऑगर ड्रिलिंग मशीन को बीच-बीच में सुरंग में पाइप डालने और उनमें बैल्डिंग करने के लिए काम रोकना पड़ रहा है. अभी तक सुरंग में 900 मिलीमीटर के 5 पाइप डाले जा चुके हैं. हर पाइप की लंबाई 6 मीटर है. इस हिसाब से अभी तक 30 मीटर का काम पूरा हो चुका है. अगर और कोई दिक्कत नहीं आती है तो सुरंग में ड्रिलिंग से लेकर पाइप फिटिंग तक रात 12 बजे तक का समय लगेगा. मजदूरों को शनिवार सुबह तक सुरक्षित रूप से निकाल लिए जाने की पूरी संभावना है.
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