नवीन पटनायक की उम्र बताकर शाह बोले रिटायर हो जाना चाहिए, कांग्रेस ने कहा गृहमंत्री का संदेश मोदी को!

रूपक प्रियदर्शी

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Amit Shah on Naveen Patnaik: 77 साल के नवीन पटनायक की उम्र पर अमित शाह के सवाल उठाने से मोदी के पीएम बने रहने वाला वाला फिर गरमा हो गया. ओडिशा में चुनाव प्रचार करते हुए अमित शाह ने जनता से अपील की थी कि नवीन पटनायक को रिटायर कर दो. वरना बूढ़े नवीन पटनायक कुछ होने नहीं देंगे. अमित शाह ने ओडिशा को यंग और उड़िया बोलने वाला सीएम देने का भी वादा किया. 

नवीन पटनायक का जन्म 16 अक्टूबर 1946 को हुआ. अब वो 77 साल 7 महीने के हैं. नरेंद्र मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को हुआ. वो 73 साल 7 महीने के हैं. नवीन पटनायक और मोदी की उम्र में करीब 4 साल का अंतर इतना भी बहुत ज्यादा अंतर नहीं है.

नवीन पटनायक

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नरेंद्र मोदी

जन्म: 16 अक्टूबर 1946

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जन्म: 17 सितंबर 1950

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77. 7 साल

73.7 साल

मोदी का रिटायरमेंट जरूरी है- राहुल गांधी

अमित शाह के बयान से चुनावों के बीच बैठे-बिठाए कांग्रेस को मुद्दा मिल गया मोदी के रिटायरमेंट की चर्चाएं तेज करने का. कैंपेन तेज है कि तीसरा टर्म मांग रहे मोदी अगले साल रिटायर हो जाएंगे और अमित शाह प्रधानमंत्री बने जाएंगे. अमित शाह की नवीन पटनायक को दी गई सलाह इस कैंपेन में जुड़ गई है. जिन मुद्दों को लेकर अमित शाह ने 77 साल के नवीन बाबू का रिटायरमेंट मांगा वैसे ही सवालों को लेकर राहुल कह रहे हैं कि मोदी का रिटायरमेंट जरूरी है.

चिंदबरम ने अमित शाह को घेरा

नवीन पटनायक की उम्र को लेकर अमित शाह की कही बात पकड़ ली पी चिदंबरम ने. आक्रमण का तोप घुमा दिया मोदी की ओर. चिदंबरम ने अमित शाह से पूछा है कि जब अमित शाह ने कहा कि नवीन पटनायक को बढ़ती उम्र के कारण रिटायर हो जाना चाहिए, तो क्या वो नरेंद्र मोदी को संकेत दे रहे थे, जिनकी उम्र 73 साल 7 महीने है? चिदंबरम ने एक पैराग्राफ में ये भी लिखा दिया कि ऐसा लगता है कि अगर बीजेपी सरकार नहीं बनती है तो अमित शाह सबसे ज्यादा खुश होंगे. वो विपक्ष के नेता के रूप में संसद में बैठेंगे, मोदी नहीं.

कहां से हुई इस मुद्दे की शुरूआत?

बता दें कि चौथे चरण के चुनाव से मोदी के तीसरे टर्म का विवाद गरमाया. चुनाव प्रचार के लिए तिहाड़ जेल से निकलते ही केजरीवाल ने बम फोड़ा था. केजरीवाल ने दावा किया कि 2014 में बने बीजेपी के नियम के मुताबिक 17 सितंबर 2025 को 75 साल के होने पर मोदी राजनीति से संन्यास ले लेंगे. 2024 में मोदी को वोट का मतलब अमित शाह को प्रधान मंत्री बनाने के लिए वोट देना है. 

केजरीवाल के इस दावे का खंडन करने खुद अमित शाह आए. मोदी ही पीएम रहेंगे, ये सफाई देना का सिलसिला अभी तक चल रहा है. बीजेपी पूरा चुनाव मोदी की गारंटी पर लड़ रही है. मोदी चेहरा भी हैं और मुद्दा भी. चुनाव जीतने के बाद मोदी प्रधानमंत्री नहीं रहेंगे, ऐसा मैसेज पार्टी के हित में नहीं है.

शाह का ये संदेश सीएम पटनायक प्रधानमंत्री को है- AAP

अमित शाह के बयान पर AAP ने नया दावा किया-अमित शाह ये संदेश नवीन पटनायक को नहीं बल्कि मोदी को दे रहे हैं. बयान से ये तय हो गया है कि अमित शाह अब मोदी को भी जल्द ही रिटायर कर, उनकी जगह प्रधानमंत्री बनने की तैयारी कर चुके हैं.

केजरीवाल के बयान के बाद BJP को क्लियर करना पड़ा कि मोदी ही प्रधानमंत्री हैं और आगे भी वही रहेंगे. मोदी ने सीधे तो रिटायरमेंट वाले बयान पर कभी कुछ नहीं कहा लेकिन बिहार के महाराजगंज की रैली में भाषण दिया कि मेरी अपनी कोई विरासत नहीं है. आप ही विरासत हैं. आप ही उत्तराधिकारी हैं. 

नवीन पटनायक, अमित शाह, नरेंद्र मोदी चुनाव होने तक लगभग एक खेमे में थे. कांग्रेस के खिलाफ दोनों के बीच गठबंधन की चर्चा तेज थी. मोदी के पीएम बनने के बाद एनडीए से अलग होकर भी नवीन पटनायक मोदी समर्थक रहे. मोदी ने भी दोस्ताना निभाया. चुनाव प्रचार शुरू होने तक नवीन पटनायक के खिलाफ एक शब्द बोलने से परहेज करते रहे लेकिन गठबंधन की बात टूटते ही नवीन पटनायक निशाने पर हैं. सरकार के करप्शन से लेकर नवीन बाबू की उम्र तक सब कुछ बीजेपी के लिए चुनाव जीतने का मुद्दा है.

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