राहुल गांधी द्वारा EC पर 'वोट चोरी' के आरोपों पर क्या है जनता की राय? वोट वाइब सर्वे के नतीजे आए सामने

सौरव कुमार

Rahul Gandhi on Vote Chori: राहुल गांधी के वोट चोरी आरोप पर जनता की राय सामने आई. वोट वाइब सर्वे में 48% लोगों ने आरोप को गंभीर बताया, 27% ने कहा निराधार.

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Vote Vibe survey shows public opinion on Rahul Gandhi’s vote theft allegations
वोट वाइब सर्वे में जनता ने राहुल गांधी के आरोप पर अपनी राय रखी(फाइल फोटो)
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पूरे देश में फिलहाल एक ही मुद्दा चल रहा है और वो है 'वोट चोरी' का. इसी महीने राहुल गांधी ने एक प्रेस वार्ता कर बोला था कि देश में फर्जी वोटिंग हो रही है. साथ ही राहुल गांधी ने सत्ता पक्ष और चुनाव आयोग को आड़े हाथ लेते हुए महाराष्ट्र और कर्नाटक चुनाव में बड़ी धांधली का भी आरोप लगाया था. इस मुद्दे ने सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच एक बड़ा बवाल खड़ा कर दिया है. इसी बीच राहुल गांधी ने बिहार में वोट अधिकार यात्रा का ऐलान किया. 

राहुल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X(पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट करते हुए लिखा था कि, 17 अगस्त से वोटर अधिकार यात्रा के साथ हम बिहार की धरती से वोट चोरी के खिलाफ सीधी लड़ाई छेड़ रहे हैं...अब की बार, वोट चोरों की हार. अब वोट वाइब ने राहुल गांधी द्वारा लगाए गए वोट चोरी के आरोप पर जनता की राय जाननी चाहिए. आइए विस्तार से जानते हैं पूरी बात.

वोट चोरी के मुद्दे पर जनता की राय

वोट वाइब ने जनता की बीच जाकर राहुल गांधी द्वारा 'चुनाव आयोग' पर लगाए गए वोट चोरी के आरोपों पर उनकी राय जानने की कोशिश की. नतीजों के हिसाब से 48 प्रतिशत लोगों का मानना है कि राहुल गांधी ने जो वोट चोरी का आरोप गंभीर और इसकी जांच होनी चाहिए. वहीं 27 प्रतिशत लोगों का मानना है कि यह कोई गंभीर मुद्दा ही नहीं है और उनका आरोप निराधार है, जबकि 25 प्रतिशत लोगों का कहना है कि वे इसपर सटीक कुछ कह नहीं सकते.

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राहुल ने बिहार में वोट चोरी का दिया उदाहरण

17 अगस्त से शुरू हुई राहुल गांधी की यात्रा का आज दूसरा दिन है. इसी दौरान उन्होंने सुबह पहले औरंगाबाद के एक सूर्य मंदिर में दर्शन कर जीत की कामना करते हुए यात्रा प्रारंभ किया. इसी दौरान उन्हें कई ऐसे लोग मिले जो 4-5 चुनावों में वोट डाल चुके थे लेकिन एसआईआर के पहले ड्राफ्ट में उनका नाम काट दिया गया है. राहुल गांधी ने उनकी समस्याएं सुनी और फिर वोट चोरी का जिंदा उदाहरण दिया.(यहां पढ़ें पूरी खबर)

नोट: यह सर्वे चुनाव आयोग द्वारा 17 अगस्त को किए गए प्रेस वार्ता से पहले का है.

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