शेख हसीना के इस्तीफे में सेंट मार्टिन का जिक्र, US क्यों बांग्लादेश से इस द्वीप का चाहता था सौदा?
शेख हसीना का इस्तीफे के समय का एक संदेश सामने आया है. संदेश में हसीना ने कहा था कि अगर वे सेंट मार्टन द्वीप अमेरिका के लिए छोड़ देती हैं तो वे सत्ता में बनीं रहतीं.
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Sant Martin Island: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने पद से एक हफ्ते पहले इस्तीफा दे दिया था. अब उनका वो संदेश सामने आया है जो उस समय सामने नहीं आ सका था. संदेश में उन्होंने बांग्लादेश में हो रही हिंसा के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया. शेख हसीना ने कहा कि अगर मैंने सेंट मार्टिन आइलेंड अमेरिका के लिए छोड़ दिया होता तो आज में सत्ता में बनी रहती. मैं और लाशों का ढेर नहीं देखना चाहती थी, इसलिए मैंने इस्तीफा दे दिया. अगर मैं आज बांग्लादेश में होती तो और अधिक जानें जातीं. मेरी देशवासियों से अपील है कि वे कट्टरपंथियों की बात में ना आएं. मैं जल्द ही बांग्लादेश लौटूंगी.
लेकिन इस बीच सवाल उठता है कि जिस द्वीप की बात शेख हसीना कर रही हैं उसको लेकर अमेरिका में इतनी दिलचस्पी क्यों है. आइए जानते हैं विस्तार से.
सेंट मार्टिन द्वीप चाहती है अमेरिका- शेख हसीना
कुछ समय पहले शेख हसीना ने कहा था कि अमेरिका उनसे सेंट मार्टिन द्वीप की मांग कर रहा है. दरअसल, यूएसए वहां अपना मिलिट्री बेस बनाना चाहता था. शेख हसीना के बाद बांग्लादेश वर्कर्स के सांसद रशीद खान मेनन ने भी संसद में कहा था कि अमेरिका सेंट मार्टिन द्वीप हासिल करना चाहता है और इसके लिए वह क्वाड का मेंबर बनने के लिए भी जबरदस्ती दबाव बना रहा है. आपको बता दें कि सेंट मार्टिन द्वीप सिर्फ 3 वर्ग किमी में फैला हुआ है. इस द्वीप को लेकर बांग्लादेश की राजनीति में काफी बवाल मचा हुआ है. ये द्वीप म्यांमार से सिर्फ 5 मील दूर है. जून 2023 में शेख हसीना ने कहा था कि अगर विपक्ष में बैठी बीएनपी सत्ता में आती है तो वो ये द्वीप अमेरिका को बेच देगा.
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सेंट मार्टिन का राजनीतिक महत्व
सेंट मार्टिन बंगाल की खाड़ी के नजदीक है और दुनिया में कहीं से भी इस द्वीप पर समुद् के रास्ते आसानी से पहुंचा जा सकता है. तो ये एक काफी महत्वपूर्ण जलमार्ग है. अगर हम इसे रणनीतिक नजरिए से देखें तो इस द्वीप से पूरे बंगाल की खाड़ी पर आसानी से नजर रखी जा सकती है.इसी कारण ये बांग्लादेश के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है. दरअसल बंगाल की खाड़ी साउथ और साउथ पूर्व एशिया के बीच एक पुल की तरह काम कर रही है. देखा जाए तो ये जलमार्ग व्यापार के नजरिए और देशों के आपस में संबंध बनाए रखने में काफी सुविधाजनक है.
अगर युद्ध की बात करें तो उस स्थिति में इस क्षेत्र से संपर्क करना किसी भी देश के लिए आसान साबित हो सकता है. इसलिए शक्तिशाली देश इस द्वीप की ओर अपने कदम बढ़ाना चाहते हैं. इन्हीं के चलते अमेरिका भी यहां अपना दबदबा कायम करने के लिए कोशिश कर रहा है. भारत भी बंगाल की खाड़ी के काफी नजदीक है तो सुरक्षा के लहजे से ये द्वीप हमारे लिए काफी महत्व रखता है. अगर बात करें यूएसए की तो वे भी इस द्वीप पर कब्जा कर लेता है तो यहां से पूरे क्षेत्र को नियंत्रित कर सकता है.
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बतां दे कि सेंट मार्टिन एक छोटा सा द्वीप है. इसपर करीब 3700 लोग रहते हैं जो अपना जीवन मछली बेचकर बीताते हैं. इस द्वीप पर 9 गांव हैं. यहां के लोग नारियल और चावल की फसलें करते हैं. हालांकि अन्य खाद्य पदार्थों का आयात बांग्लादेश और म्यांमार से होता है.
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