तब राहुल के कमेंट से शुरू हुआ 'मैं भी चौकीदार', अब लालू बोले ऐसा कि ट्रेंड हुआ मोदी का परिवार

रूपक प्रियदर्शी

पीएम मोदी पर लालू यादव के भाषण के 24 घंटे में राजनीति पलट गई. पीएम मोदी ने कहा कि, मेरे लिए 140 करोड़ लोग ही मेरा परिवार हैं. तेलंगाना में मोदी के इतना कहते ही मोदी का परिवार कैंपेन चल पड़ा.

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Modi Ka Pariwar: लोकसभा चुनाव से पहले बिहार में दो रैलियां हुईं. पहली रैली औरंगाबाद में नीतीश कुमार और बीजेपी ने पीएम मोदी के सम्मान में कराई. दूसरी रैली पटना के गांधी मैदान में हुई जिसे तेजस्वी यादव ने ऑर्गनाइज किया. इसमें लालू यादव, राहुल गांधी, खरगे, अखिलेश यादव और सीताराम येचुरी जैसे INDIA गठबंधन के कई धुरंधर पहुंचे.इन दोनों रैलियों के बाद ज्यादा चर्चा हो रही है पटना वाली तेजस्वी की 'जन विश्वास रैली' की. रैली में जबर्दस्त भीड़ और जोरदार माहौल की चर्चा पूरे देश में हो रही है, लेकिन इस रैली में कुछ ऐसा हुआ जिसे पीएम मोदी ने लपकते हुए अपने लिए नया कैंपेन लॉन्च कर दिया. 

लालू यादव के बयान के जवाब में बीजेपी ने लॉन्च किया कैंपेन 

लालू यादव का आजकल स्वास्थ्य कुछ खास ठीक नहीं रहता. एक्टिव तो रहते हैं लेकिन पहले की तरह नहीं. हां, रैली के मंच पर भाषण देने का मौका आते ही लालू की बीमारी, उनके जोश से पीछे हो जाती है. इसी जोश में गांधी मैदान की रैली में लालू यादव, पीएम मोदी पर जमकर बरसे. वो पीएम मोदी को घेरते-घेरते उनके परिवार तक पहुंच गए. मोदी पर हमला करके लालू ने गांधी मैदान में उन्हें सुनने आई भीड़ की खूब तालियां बटोरी. बस इस बात का अंदाजा नहीं लगाया कि, कैसे उनके भाषण को मोदी लपककर अपना हथियार बना लेंगे. 

पीएम मोदी निजी कमेट्स, निजी हमलों का बुरा नहीं मानते बल्कि अपने लिए अवसर बना लेते हैं. पीएम मोदी कहते रहे हैं कि, वो गालियों को गहना बना लेते हैं. इसी से उन्होंने कई चुनावों का रुख मोड़ा है. लालू यादव ने जब मोदी के परिवारवाद पर निशाना साधा तो तेलंगाना के आदिलाबाद से मोदी ने इसी को बीजेपी का इलेक्शन कैंपेन बना दिया.

पीएम मोदी ने दिया जवाब

पीएम मोदी पर लालू यादव के भाषण के 24 घंटे में राजनीति पलट गई. पीएम मोदी ने कहा कि, मेरे लिए 140 करोड़ लोग ही मेरा परिवार हैं. तेलंगाना में मोदी के इतना कहते ही मोदी का परिवार कैंपेन चल पड़ा. अब पूरी बीजेपी ने ये कहना और लिखना शुरू कर दिया है कि, 'मैं हूं मोदी का परिवार.' अमित शाह और पार्टी के कई नेताओं ने अपने x बायो में 'मोदी का परिवार' जोड़ दिया. इस अभियान को जेपी नड्डा, स्मृति ईरानी समेत तमाम बीजेपी नेताओं, सरकार के मंत्रियों और बीजेपी समर्थकों ने किया. 

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पिछले चुनाव में चलाया था 'मैं भी चौकीदार' कैंपेन 

इस कैंपेन के लॉन्च होनेके बाद हमें पांच साल पहले हुआ लोकसभा चुनाव याद आ गया. तब पीएम मोदी खुद को देश का चौकीदार कहते थे. मोदी पर घोटाले का आरोप लगाते हुए राहुल गांधी ने नारा लगाना शुरू किया कि,'चौकीदार चोर है.' तब भी मोदी ने गालियों को गहना बनाया. जवाबी एक्शन में पूरी पार्टी कहने लगी मैं भी चौकीदार. बीजेपी का कैंपेन ऐसा हिट रहा कि चुनाव में सारे वोट चौकीदार को चले गए. 

ऐसा माना जाता है कि जब-जब विपक्ष ने मोदी पर निजी कमेंट या अपशब्दों के बाण चलाए, उसका काउंटर इफेक्ट हुआ. मोदी ने अपने खिलाफ कहे गए शब्दों, तानों का चुनावों में डंका इतना पीटा कि कई-कई चुनाव पलट गए. इसकी शुरूआत 2014 के चुनाव से पहले हुई थी जब कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने चायवाला कहकर मोदी का मजाक उड़ाया था. मैं चायवाला- मोदी ने चायवाला को इतना भुनाया कि चायवाला पीएम बन गया. मणिशंकर अय्यर 2014 के विलेन मान लिए गए. अब जब भी मौका मिलता है मोदी कहते रहते हैं कि एक चायवाला देश का प्रधानमंत्री है. 

वंशवाद और परिवारवाद है पीएम मोदी का फेवरेट टॉपिक 

वंशवाद और परिवारवाद-विपक्ष पर हमला बोलने के लिए पीएम मोदी का फेवरेट टॉपिक है. चुनाव हो या न हो वंशवाद और परिवारवाद को लेकर निशाना साधने का पीएम मोदी कोई मौका नहीं छोड़ते. लालू भी जो बोल गए वो सब मोदी के परिवारवाद वाले हमले की जवाबी कार्रवाई थी. मोदी को घेरने के लिए विपक्ष भी अब वही हथियार चलाता है. कभी अमित शाह के बेटे को लेकर, कभी राजनाथ सिंह के बेटे को लेकर तो कभी मोदी के परिवार को लेकर काउंटर हमले किए जाते हैं. पहली बार पीएम मोदी ने विपक्ष के हमले का जवाब दिया था. संसद के बजट सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर भाषण देते हुए उन्होंने समझाया था कि, अमित शाह, राजनाथ सिंह परिवारवाद, वंशवाद की राजनीति के दायरे में नहीं आते क्योंकि उनकी कोई पार्टी नहीं है. 

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