UP: 54 साल बाद खुला मथुरा के बांके बिहारी मंदिर का 'खजाना रूम', अंदर दिखा ऐसा नजारा कि हर तरफ हो रही है चर्चा
उत्तर प्रदेश के मथुरा स्थित बांके बिहारी मंदिर में धनतेरस के दिन 54 साल बाद एक रहस्यमयी कमरे का ताला खोला गया है. लोग इस कमरें को ‘खजाना रूम’ कहते हैं. इसके खुलते ही मंदिर परिसर में उत्सुकता और हलचल बढ़ गई है. ऐसे में मंदिर परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं.

Mathura Banke Bihari Temple News: उत्तर प्रदेश के मथुरा स्थित विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में धनतेरस के पावन अवसर पर एक ऐतिहासिक घटना दर्ज की गई. दरअसल, यहां करीब 54 साल बाद मंदिर के अंदर बने एक रहस्यमयी कमरे का ताला खोला गया है. गाैरतलब है कि इस कमरे को सदियों से लोग मंदिर के 'खजाना रूम' के रूप में जानते थे. जैसे ही इस रूम के दरवाजे के खुलने की जानकारी लोगों को मिली तो वो उत्साहित हो उठे. इस दौरान किसी भी घटना को रोकने के लिए मंदिर परिसर में भारी पुलिस बल तैनात किया गया.
इस वजह से बंद था कमरा
मंदिर के सेवायत गोस्वामी, आभास गोस्वामी ने इस बंद कमरे के इतिहास के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि ये कमरा मंदिर के गर्भगृह के ठीक बगल में है. उन्होंने कहा कि इसे 'खजाना रूम' कहना सही नहीं होगा. उन्होंने बताया कि इसे सुरक्षा कारणों से बंद किया गया था न की किसी राजा-महाराजा के धन को रखने के लिए तो ऐसे में इसे 'खजाना रूम' कहना ठीक नहीं होगा. आभास गोस्वामी ने बताया, "पहले मंदिर में सुरक्षा के खास इंतजाम नहीं थे. इसलिए ठाकुर जी के रोजाना इस्तेमाल के बर्तन, कलसे (छोटे घड़े), स्नान सामग्री और छोटे सोने-चांदी के आभूषण इसी कमरे में सुरक्षित रखे जाते थे. बाद में, सोने-चांदी के कुछ छोटे आभूषणों को स्टेट बैंक मथुरा में जमा करवा दिया गया था."
अंदर दिखा चौंकाने वाला नजारा
आज लंबे समय से बंद पड़े इस कमरे का ताला खोला गया. ऐसे में कुछ लोगों रूम के अंदर गए तो अंदर का नजारा चौंकाने वाला था. कमरे के अंदर काफी मात्रा में पानी भरा हुआ था और फर्श पर कीचड़ भी फैला हुआ था. इसके अलावा कमरे में कई चूहे भी दिखाई दिए. ऐसे में मंदिर प्रशासन ने बिना देरी किए तुरंत ही कमरे की सफाई का कार्य शुरू करवा दिया है.
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इन वस्तुओं के मिलने की उम्मीद
गोस्वामी आभास ने इस बात को दोहराया कि कमरे से किसी बड़े खजाने या राजा महाराजाओं के धन के मिलने की कोई उम्मीद नहीं है. उन्होंने कहा कि शुरुआती जांच में भी कोई भी कीमती वस्तु मिली. उनके अनुसार, सफाई का कार्य पूरा होने के बाद जो भी सामान मिला वो मुख्य रूप से ठाकुर जी की पूजा और सेवा में उपयोग होने वाली प्राचीन वस्तुएं ही होंगी. इनमें तांबे या चांदी के पुराने बर्तन, कलसे या सेवा में इस्तेमाल होने वाले सदियों पुराने आभूषण शामिल हो सकते हैं. मंदिर प्रशासन ने कहा है कि इस कमरे में कभी भी कोई बड़ा राजकीय खजाना नहीं रखा गया था.
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