संजय सिंह का बड़ा आरोप: अयोध्या परियोजना में 250 करोड़ का भ्रष्टाचार, ‘गौशाला से लेकर सड़क तक सब लूटा’

AAP सांसद संजय सिंह ने अयोध्या विकास परियोजना में 250 करोड़ के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया. बोले- गौशाला से लेकर सड़क तक सब लूटा गया, आस्था पर हमला.

Sanjay Singh
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आम आदमी पार्टी के उत्तर प्रदेश प्रभारी एवं राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने बुधवार को एक प्रेस वार्ता कर राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह और अयोध्या सुंदरीकरण परियोजनाओं में हुए भारी घोटाले का खुलासा किया. उन्होंने कहा कि भाजपा ने न केवल जनता के पैसे का दुरुपयोग किया, बल्कि प्रभु श्रीराम और गौ माता के नाम पर भी भ्रष्टाचार कर आस्था को कलंकित किया है.

संजय सिंह ने बताया कि योगी सरकार के अधीन ‘स्थानीय निधि लेखा परीक्षा विभाग, अयोध्या मंडल’ द्वारा तैयार रिपोर्ट में करीब 250 करोड़ रुपये से अधिक का भ्रष्टाचार उजागर हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार, 4,305 निर्माण कार्यों में अनियमितताएं पाई गईं, जिनमें से केवल 102 मामलों में ही जवाब दिया गया, शेष हजारों मामलों का कोई स्पष्टीकरण नहीं मिला.

भ्रष्टाचार की परतें - श्रीराम के नाम पर घोटाले की पूरी कहानी

संजय सिंह ने कहा कि भाजपा नेताओं ने गौ माता के चारे से लेकर सड़कों और योजनाओं तक में भ्रष्टाचार किया. उन्होंने बताया कि कान्हा गौशाला में एक ही समय पर दो ट्रकों की तौल दर्शाकर भुगतान दिखाया गया, यानी एक मिनट में दो ट्रक भूसा तौल दिए गए. इसी तरह ‘प्रताप हाइट्स लिमिटेड’ नामक ब्लैकलिस्टेड कंपनी को ₹6.05 करोड़ का भुगतान बिना कार्य किए ही कर दिया गया.

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इसके अलावा, लायन सिक्योरिटी सर्विस और किंग सिक्योरिटी सर्विस जैसी एजेंसियों को ₹1.31 करोड़ से अधिक का भुगतान बिना किसी अनुबंध या काम के आदेश के किया गया, और 1,500 ‘घोस्ट कर्मचारियों’ के नाम पर भुगतान निकाला गया.

आईआईटी बीएचयू के छात्रों द्वारा किए ऑडिट की रिपोर्ट के अनुसार, 22 चौराहों पर लाइट सज्जा का कार्य होना था, पर केवल 19 चौराहे मिले, 3 चौराहे ‘गायब’ पाए गए, जिन पर ₹4.46 करोड़ का भुगतान किया जा चुका था. इसी तरह कई योजनाओं जैसे CCTV कैमरा योजना (₹4.24 करोड़), हेल्थ एटीएम योजना (₹1.46 करोड़), वॉक्यू इल्यूजन (₹3.95 करोड़) का भी कोई अता-पता नहीं है. संजय सिंह ने बताया कि रामपथ की 28 किलोमीटर सड़क की सफाई का भुगतान किया गया, जबकि वास्तविक सफाई केवल 3-4 किलोमीटर की ही हुई. उन्होंने कहा, “सड़कें खा गए, चौराहे खा गए, गौ माता का चारा खा गए- भाजपा के लिए कोई भी चीज पवित्र नहीं रही.”

संजय सिंह ने कहा कि एक और भ्रष्टाचार प्रताप हाइट्स का ही है. इनको कुल भुगतान ₹1 करोड़ 8 लाख 79 हजार 306 का भुगतान हुआ है और इस सोलर परियोजना का कान्हा गौशाला में पता ही नहीं है. बिना टेंडर के ₹18 करोड़ का काम फिर इसी प्रताप हाइट्स को हैंडपंप लगाने से लेकर और तमाम कामों के नाम पर किया गया है.

‘राम-राम जपना, जनता का माल अपना’: भाजपा पर तीखा वार

आप सांसद ने कहा- “भाजपा ने खुद को प्रभु श्रीराम का भक्त बताया, लेकिन उन्हीं के नाम पर घोटाला किया. मैं भाजपा समर्थकों से कहना चाहता हूं- जो प्रभु श्रीराम के नहीं हुए, वे आपके कभी नहीं हो सकते.”

संजय सिंह ने आगे कहा, मैंने पहले भी कहा था- ‘देखो ओ दीवानों ऐसा काम न करो, राम का नाम बदनाम न करो’. लेकिन भाजपा का असली नारा है- ‘राम-राम जपना, जनता का माल अपना.’ उन्होंने कहा कि राम मंदिर और अयोध्या सुंदरीकरण के नाम पर हुआ यह भ्रष्टाचार जनता की आस्था पर सबसे बड़ा हमला है. संजय सिंह ने मांग की कि योगी सरकार इस पूरे घोटाले की निष्पक्ष जांच कराए और दोषियों पर कठोर कार्रवाई करें.

जिन अधिकारियों के कार्यकाल में हुआ घोटाला

प्रेस वार्ता में संजय सिंह ने उन अधिकारियों के नाम भी बताए जिनके कार्यकाल में ये गड़बड़ियां हुईं: गिरीशपति त्रिपाठी (महापौर, अयोध्या), विशाल सिंह (नगर आयुक्त, अयोध्या / सूचना निदेशक, उत्तर प्रदेश / उपाध्यक्ष, अयोध्या विकास प्राधिकरण), संतोष कुमार शर्मा (नगर आयुक्त, अयोध्या), नरेंद्र प्रताप सिंह (वित्त एवं लेखा अधिकारी). साथ ही उन्होंने अयोध्या डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा किसानों की भूमि अधिग्रहण में हुई गड़बड़ियों का भी उल्लेख किया, जहां किसानों से ₹5 लाख प्रति बिस्वा में खरीदी गई जमीन बाद में ₹1.77 करोड़ में बेची गई.

‘अयोध्या क्यों हारी?’—संजय सिंह का जवाब

संजय सिंह ने कहा कि हालिया चुनावों में अयोध्या समेत कई जिलों में भाजपा की हार का कारण जनता का यह जागरण है. “प्रभु श्रीराम जानते थे कि ये भक्त नहीं, चोर हैं. इसलिए अयोध्या, अंबेडकरनगर, सुल्तानपुर, प्रयागराज, बांदा, चित्रकूट, हर जगह जनता ने इन्हें हराया.”

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