बिहार चुनाव से पहले पवन सिंह की एनडीए में एंट्री? उपेंद्र कुशवाहा से मिलकर छुए पैर, इस सीट से लड़ने की चर्चा!
Pawan Singh Bihar elections: बिहार चुनाव 2025 से पहले भोजपुरिया स्टार पवन सिंह ने एनडीए में वापसी की तैयारी तेज कर दी है. उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात कर पैर छूकर गिले-सिकवे मिटाए.

बिहार चुनाव से पहले राजनीतिक गलियारों में एक बार फिर भोजपुर सिंगर-एक्टर पवन सिंह चर्चा में है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पवन सिंह ने बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी कर ली है और इसके लिए उन्होंने अपना नया सियासी ठिकाना भी तलाश लिया है. पवन सिंह ने राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा के साथ मुलाकात की और उनका पैर भी छुआ. माना जा रहा है इस मुलाकात के बाद दोनों के बीच मतभेद खत्म हो गए है.
मिट गए कुशवाहा और पवन सिंह के बीच गिले-सिकवे
पवन सिंह ने बीजेपी प्रभारी विनोद तावड़े और राष्ट्रीय मंत्री ऋतुराज सिन्हा के साथ उपेंद्र कुशवाहा से उनके दिल्ली आवास पर मुलाकात की. इस दौरान वे कुशवाहा से गले मिले और उनके पैर भी छुए. इस दौरान दोनों के हंसते हुए चेहरे भी दिखाई दिए जो कि इन दोनों के बीच गिले-सिकवे खत्म होने का इशारा कर रहा है.
आपको बता दें कि बीते कल यानी सोमवार की देर शाम विनोद तावड़े और ऋतुराज सिन्हा ने उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात की थी. विनोद तावड़े ने ही सारी बातचीत कर पवन सिंह के मुलाकात की टाइमिंग फिक्स किया था. इसी के तहत आज पवन सिंह ने उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात किया.
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उपेंद्र कुशवाहा से तालमेल क्यों जरूरी?
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बीजेपी चाहती है कि पवन सिंह बिहार विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी में वापसी करें लेकिन इसमें सबसे बड़ी दिक्कत उपेंद्र कुशवाहा को लेकर है. दरअसल 2024 लोकसभा चुनाव में पवन सिंह ने उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ काराकाट सीट से चुनाव लड़ा था, और उपेंद्र कुशवाहा को हार का सामना करना पड़ा था. पवन सिंह के निर्दलीय चुनाव लड़ने की वजह से एनडीए को शाहाबाद इलाके में भी नुकसान हुआ था.
इन्हीं स्थितियों को देखते हुए बीजेपी आलाकमान चाहते है कि पवन सिंह पार्टी में वापसी करने से पहले उपेंद्र कुशवाहा के साथ अपने रिश्ते ठीक कर लें. इससे आगामी चुनाव में गठबंधन को मजबूती मिलेगी और रिकॉर्ड जीत दर्ज करने में भी सहूलियत होगी.
पवन सिंह एनडीए से लड़ेंगे चुनाव?
लोकसभा चुनाव 2024 से पहले पवन सिंह भाजपा में शामिल हुए थे. पार्टी ने उन्हें पश्चिम बंगाल की आसनसोल सीट से टिकट दिया था, लेकिन पवन सिंह ने वहां से चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था. फिर पवन सिंह ने बिहार के काराकाट सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा था.
आर के सिंह भी पवन सिंह की भाजपा में दोबारा एंट्री कराने की पेशकेश कर रहे है, लेकिन भाजपा जल्दबाजी में कोई भी कदम नहीं उठाना चाहती है. पार्टी चाहती है कि पहले उपेंद्र कुशवाहा और पवन सिंह के बीच सब ठीक हो जाए ताकि विरोध की भावना ना आए.
आरा सीट से लड़ सकते हैं चुनाव
उपेंद्र कुशवाहा के साथ मीटिंग के बाद यह माना जा रहा है कि पवन सिंह एनडीए के टिकट पर आरा से चुनाव लड़ सकतें है. हालांकि आरा सीट पर भाजपा का कब्जा है और यह सबसे सेफ सीट मानी जाती है. 2000 से 2020 तक बीजेपी के अमरेंद्र प्रताप सिंह यहां से पांच बार चुनाव जीत चुके हैं. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आखिर आरा सीट किसके खाते में जाती है.
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