रोहिणी आचार्या का फिर से छलका दर्द! लालू यादव को किडनी ना देने की अफवाहों पर जमकर साधा निशाना

Lalu Family Controversy: लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्या ने किडनी दान पर उठी अफवाहों को लेकर दी खुली चुनौती, कहा- झूठ साबित हुआ तो छोड़ दूंगी राजनीति.

ohini Acharya slams rumors about not donating kidney to Lalu Yadav
रोहिणी आचार्या का फिर छलका दर्द
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बिहार में चुनाव से पहले लालू परिवार में मचा घमासान अब खुलकर सामने आ रहा है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के 'बिहार अधिकार यात्रा' के दौरान वायरल हुए एक तस्वीर के बाद यह मामला और बढ़ता ही जा रहा है. इसी बीच रोहिणी आचार्या ने फिर एक पोस्ट किया है जिसमें उन्होंने लालू यादव को किडनी ना देने से जुड़ी अफवाहों पर बड़ा बयान दिया है. रोहिणी ने अपने पोस्ट में साफ लिखा है कि अगर मेरे बारे में फैलाए जा रहें झूठ को कोई साबित कर दें तो मैं राजनीतिक और सार्वजनिक जीवन को दूर कर लूंगी. रोहिणी के इस पोस्ट ने फिर एक बार लालू परिवार के अंदरूनी कलह को सामने ला दिया है जिससे की यह एक चर्चा का विषय बन गया है. 

रोहिणी आचार्या ने पोस्ट में ऐसा क्या लिखा कि मचा बवाल

रोहिणी आचार्या ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर 24 सितंबर को एक पोस्ट किया. इस पोस्ट में उन्होंने करारा हमला बोलते हुए लिखा कि, 'मेरी खुली चुनौती है सभी गंदी सोच रखने वालों और ऐसे लोगों को शह दे रहे तमाम लोगों को कि "कोई अगर ये साबित कर दे कि मैंने अपने या किसी और के लिए भी कभी कुछ व कोई मांग "किसी" के पास रखी और अपने आदरणीय पिता को मेरे द्वारा अपनी किडनी दिया जाना झूठ है , तो राजनीतिक व सार्वजनिक जीवन से खुद को अलग कर लूंगी'.

रोहिणी ने की माफी की मांग

रोहिणी ने इस पोस्ट में आगे लिखा कि, साथ ही दोषारोपण करने वाले अगर अपना झूठ-दुष्प्रचार साबित नहीं कर सके, तो उनमें भी इतना साहस होना चाहिए कि वो सब के सब 'जिस किसी' के भी कहने पर ऐसा कर-कह  रहे हैं उसके साथ सार्वजनिक तौर पर मुझसे और देश की हर मां-बहन-बेटी से ये कहते हुए माफी मांगें कि "भविष्य में वो कभी किसी मां-बहन-बेटी के बारे में कोई अपमानजनक और झूठी बात नहीं कहेंगे और फैलाएंगे'.

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रोहिणी ने राजनीतिक महत्वाकांक्षा पर भी लिखा था पोस्ट

इससे पहले रोहिणी आचार्या ने 21 सितंबर रविवार को एक पोस्ट के माध्यम से अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को साफ कर दिया था. रोहिणी ने पोस्ट में लिखा था कि, मेरे संदर्भ में ट्रोलर्स, उद्दंडों, पेड - मीडिया एवं पार्टी हड़पने की कुत्सित मंशा रखने वालों के द्वारा फैलाये जा रहे तमाम अफवाह निराधार और मेरी छवि को नुकसान पहुंचाने के मकसद से किए जा रहे दुष्प्रचार का हिस्सा हैं. 

आगे उन्होंने लिखा कि, मेरी कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा न कभी रही थी , न है और ना ही आगे रहेगी , न मुझे खुद विधानसभा का प्रत्याशी बनना है , ना ही किसी को विधानसभा का प्रत्याशी बनवाना है , न राज्यसभा की सदस्य्ता की मेरी कोई आकांक्षा है , न ही परिवार के किसी भी सदस्य से मेरी किसी भी प्रकार की प्रतिद्वंदिता है और ना ही पार्टी या भविष्य में बनने वाली किसी भी सरकार में किसी पद की कोई लालसा है. मेरे लिए मेरा आत्म - सम्मान, मेरे माता - पिता के प्रति सम्मान व समर्पण , मेरे परिवार की प्रतिष्ठा ही सर्वोपरि है. 

राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज

चुनावी साल में जिस तरह लालू परिवार का घमासान सामने आ रहा है उसने राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं छेड़ दी है. माना जा रहा है कि इस विवाद के लालू परिवार के अंदरूनी कलह के पीछे तेजस्वी यादव के राजनीतिक सलाहकार संजय यादव है. इस विवाद की शुरुआत भी तब हुई जब बिहार अधिकार यात्रा के दौरान संजय यादव गाड़ी के फ्रंट सीट पर बैठे दिखें और एक इन्फ्लुएंसर ने इस फोटो को पोस्ट करते हुए लिखा कि यह सीट पर सिर्फ शीर्ष नेतृत्व के लिए है. अगर कोई खुद को लालू जी और तेजस्वी यादव से भी ऊपर समझता है, तो यह अलग बात है.

इस पोस्ट को रोहिणी आचार्या ने भी शेयर किया जिसके बाद इन चर्चाओं को और हवा मिल गई. इससे पहले तेज प्रताप यादव भी संजय यादव का बिना नाम लिए उन्हें जयचंद कह चुके है. आपको बता दें कि बीते एक सप्ताह में रोहिणी आचार्या बार-बार कुछ ना पोस्ट करके लालू परिवार को अपनी कुर्बानी याद दिलाने के साथ-साथ अपना पक्ष रख रही है.

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